उन्होंने कहा कि अगर हम स्वयं को चीन के समक्ष बराबर साझेदार के रूप में देखना चाहते हैं तो हमें संगठित होना होना। फ्रांस, भारत और ऑस्ट्रेलिया की साझेदारी क्षेत्र के लिए और भारतीय-प्रशांत क्षेत्र में हमारे साझा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए अतिमहत्वपूर्ण है। (वार्ता)