किरियाको ने समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि पाकिस्तानी सरकार के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे थे। उस समय जनरल परवेज मुशर्रफ थे और देखिए, ईमानदारी से कहें तो अमेरिका तानाशाहों के साथ काम करना पसंद करता है। क्योंकि तब आपको जनता की राय और मीडिया की चिंता करने की जरूरत नहीं होती। इसलिए हमने मुशर्रफ को खरीद लिया। मुशर्रफ ने अमेरिका को अपनी मनमानी करने दी।
किरियाकोउ ने कहा कि मुशर्रफ ने सिर्फ सेना को खुश रखा और भारत के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियां करते हुए आतंकवाद-रोधी अभियानों में अमेरिका का साथ देने का दिखावा किया। सेना को अल-क़ायदा की परवाह नहीं थी। उन्हें भारत की परवाह थी। इसलिए सेना को खुश रखने और कुछ चरमपंथियों को खुश रखने के लिए, उन्हें आतंकवाद-रोधी अभियानों में अमेरिका के साथ सहयोग करने का दिखावा करते हुए भारत के खिलाफ आतंकवाद फैलाने का दोहरा जीवन जीने देना पड़ा।
इसी तरह, किरियाको ने भुट्टो के साथ मैरी एंटोनेट के साथ एक घटना का जिक्र किया। उन्होंने भुट्टो से पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली ज़रदारी द्वारा 'फिर से' एक बेंटले कार खरीदने की शिकायत की। जब बेनजीर भुट्टो दुबई में रह रही थीं, तो मैं एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी के साथ उनसे मिलने गया था।
वह खाड़ी तट पर स्थित 50 लाख डॉलर के एक महल में रहती थीं। हम घर के सामने वाले कमरे में बैठे थे, तभी हमें एक कार के रुकने की आवाज सुनाई दी। उन्होंने कहा कि हे भगवान, अगर वह एक और बेंटले लेकर घर आए, तो मैं उन्हें मार डालूंगी!