रिपोर्ट के अनुसार, 'एफआईए इस्लामाबाद जोन के निदेशक होने के दौरान उन्होंने बीबीआईएपी के जरिए मानव तस्करी कराने के लिए विमानों की जांच जैसी कानूनी बाधाओं को हटा दिया था। उनकी मिलीभगत के बिना पीआईए तथा बीबीआईएपी में एफआईए के आव्रजन कर्मचारियों को फर्जी पाकिस्तानी पासपोर्ट पर अफगानिस्तान के नागरिकों की तस्करी का नेटवर्क चलाना नामुमकिन था।'