इसके अलावा, मोदी कई बार पुतिन से फोन पर युद्ध के संबंध में बातचीत कर चुके हैं। इस दौरान वह लोकतंत्र, कूटनीति और बातचीत के महत्व के रेखांकित कर चुके हैं।
उन्होंने कहा कि इसीलिए उत्तर और दक्षिण के बीच नए समझौतों की सख्त जरूरत है। एक ऐसा समझौता, जो खाद्यान्न, शिक्षा और जैव विविधता के क्षेत्र में हो। यह सोच को सीमित करने का नहीं, बल्कि साझा हितों के लिए खास कार्रवाई करने के वास्ते गठबंधन बनाने का है।
समरकंद में पुतिन ने मोदी से कहा था कि वह यूक्रेन में जारी संघर्ष को लेकर अपनी स्थिति और उन चितांओ के बारे में अच्छी तरह से वाकिफ हैं, जिनके संबंध में मोदी अक्सर बात करते हैं। पुतिन ने कहा था कि हम इसे यथाशीघ्र रोकने की कोशिश करेंगे।