सात जून 1893 को युवा वकील मोहनदास करमचंद गांधी को पीटरमैरिट्जबर्ग स्टेशन पर ट्रेन की पहली श्रेणी के डिब्बे से बाहर फेंक दिया गया था, क्योंकि उन्होंने अपनी सीट छोड़ने से इनकार कर दिया था। इस घटना ने उनके मन में सत्याग्रह के सिद्धांतों को जन्म दिया।
श्याम बेनेगल के निर्देशन वाली और स्वतंत्रता सेनानी प्रो. फातिमा मीर की किताब ‘एप्रेंटिसशिप ऑफ ए महात्मा’ पर आधारित यह फिल्म उन घटनाक्रमों की याद दिलाती है, जिसके बाद गांधी ने अपना जीवन लोगों के लिए समर्पित कर दिया था। (भाषा)