आमिर ने कहा कि जब 1993 में मुंबई दंगे हुए तो फिल्म इंडस्ट्री ने यह कहते हुए मुख्यमंत्री के पास एक प्रतिनिधिमंडल भेजा कि सेना बुलाओ और दंगों को रोकने के लिए जो भी करना पड़े, वह करो। करीब 30 से 40 लोग मुख्यमंत्री कार्यालय गए। हमने तय किया कि हम मंत्रालय के समीप महात्मा गांधी की प्रतिमा के समीप बैठेंगे और दंगों को रोकने के लिए खुले में प्रदर्शन करेंगे तथा जब तक हिंसा रुक नहीं जाती, तब तक हम नहीं उठेंगे। हम मुड़ गए। मैं, दत्त साहब, यश चोपड़ाजी, जॉनी वाकर और एक प्रोड्यूसर समेत 5 लोग प्रदर्शन की पहली रात वहां थे।
दिग्गजों के साथ बिताए गए वक्त को यादगार बताते हुए 'दंगल' अभिनेता ने कहा कि सभी ने अपने करियर की कहानियां सुनाते हुए रात गुजारी। हिन्दी सिनेमा में 30 साल पूरे करने वाले अभिनेता ने कहा कि मैं दत्त साहब, यशजी और जॉनी वाकर के करियर की कहानियां सुन रहा था। वह शानदार वक्त था। प्रतिमा के नीचे मेरे लिए वह यादगार रात थी। अगली शाम मुख्यमंत्री ने कुछ कार्रवाई की और चीजें सामान्य हो गईं।
आमिर अपनी अगली फिल्म 'ठग्स ऑफ हिन्दुस्तान' में व्यस्त हैं, जो दिसंबर में रिलीज होगी। गुलशन कुमार की बायोपिक 'मोगुल' में पहले अक्षय कुमार को मुख्य भूमिका निभानी थी लेकिन उनके फिल्म छोड़ने के बाद आमिर यह भूमिका निभा सकते हैं। (भाषा)