जिराफ पर मंडरा रहा है विलुप्त होने का खतरा

गुरुवार, 8 दिसंबर 2016 (16:00 IST)
वॉशिंगटन। जीव वैज्ञानिकों का कहना है कि थलीय पशुओं में सबसे लंबे जानवर जिराफ पर अब विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। जिराफ को विलुप्तप्राय प्रजातियों की सूची में डाला गया है।
पिछले सिर्फ 30 वर्षों में जिराफ की संख्या लगभग 40 फीसदी तक कम हो गई है। वैज्ञानिकों ने इसे दुनिया की ऐसी विलुप्तप्राय प्रजातियों की आधिकारिक सूची में डाल दिया है जिन पर नजर रखने की आवश्यकता है और उन्होंने इसे 'असुरक्षित स्थिति में' बताया है।
 
अंतरराष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन) के अनुसार, वर्ष 1985 में जिराफों की संख्या 1,51,000 और 1,63,000 के बीच थी, लेकिन वर्ष 2015 में इनकी संख्या घटकर 97,562 हो गई।
 
मेक्सिको में जैव विविधता पर बुधवार को हुई बैठक में आईयूसीएन ने संकटग्रस्त प्रजातियों की अपनी 'रेड लिस्ट' में शामिल 7 प्रजातियों पर संकट के स्तर कमी होने और 35 प्रजातियों के संकट के स्तर में वृद्धि होने के बारे में बताया।
 
जिराफ को आईयूसीएन की रेड लिस्ट में शामिल करने वाले जीव वैज्ञानिकों के विशेष समूह के सह अध्यक्षों जुलियन फेन्नेस्सी और नोएल कुम्पेल ने कहा कि हर कोई हाथियों को लेकर चिंतित है जबकि धरती पर जिराफ की तुलना में हाथियों की संख्या चौगुनी है।
 
जिराफ कंजर्वेशन फाउंडेशन के सह-निदेशक फेन्नेस्सी ने कहा कि हर किसी का मानना है कि जिराफ हर जगह हैं लेकिन ऐसा नहीं है। (भाषा)

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