करीब 1500 वयस्क लोगों और 500 बच्चों पर अध्ययन किया गया। बच्चों की उम्र 8 वर्ष से 12 वर्ष के बीच थी। आधे से अधिक वयस्कों ने इस बात पर यकीन किया कि दूसरी दुनिया के वासी होते हैं, लेकिन केवल एक चौथाई ने माना कि ईश्वर भी होता है। इस अध्ययन से यह बात भी उजागर हुई कि वयस्कों ने माना कि भूत होते हैं, जबकि उनका ईश्वर में विश्वास नहीं था।
बच्चों के पोल से यह बात उजागर हुई और करीब दो तिहाई बच्चों ने माना कि एलियन और भूत-प्रेत होते हैं। आधे बच्चे मानते थे कि यूएफओ होती हैं। आश्चर्य की बात है कि एक चौथाई बच्चों ने माना कि एलियन आदमियों के भेष में होते हैं और प्रत्येक बीस में से एक बच्चे का कहना था कि वह एलियन को जानता है। हैलोवीन से पहले यह शोध रिप्ली के बिलीव इट ऑन नॉट ने किया था।
इसकी जनरल मैनेजर नताशा क्रम्प का कहना है कि सर्वे से यह बात सामने आई कि एलियन, यूएफओ और भूत-प्रेतों को लेकर बच्चों में स्वाभाविक उत्सुकता होती है। उनका कहना है कि रिप्ली में हमारा उद्देश्य है कि बच्चों और वयस्कों का समान रूप से दिमागों का विस्तार किया जाए और उन्हें विश्वास दिलाया जाए कि कुछ भी संभव हो सकता है।