एथेंस। यूनान एक अनजान राह पर और यूरोप की साझा मुद्रा अनिश्चित भविष्य की ओर बढ़ गई है, क्योंकि मतदाताओं ने अपने देश की दिवालिया अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के उद्देश्य से दिए जाने वाले बेलआउट पैकेज के एवज में अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं द्वारा की जा रही मांगों को सिरे से खारिज कर दिया है।
यूनान को दिए जाने वाले बेलआउट पैकेज के एवज में अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं की शर्तों को लेकर किए गए जनमत संग्रह में 61 फीसदी मत इसके विरोध में और 39 फीसदी मत इसके पक्ष में पड़े। गणना सभी 100 फीसदी मतों की हुई।
4 दशक से अधिक के समय में पहली बार यूनान में यह जनमत संग्रह हुआ, वह भी ऐसे समय पर जब देश में वित्तीय लेन-देन पर कड़ी रोक लगी है। यह रोक जनमत संग्रह के आह्वान के बाद तेजी से बढ़ते दिवालियापन को नियंत्रित करने के लिए पिछले सप्ताह लगाई गई।
सरकार के हजारों समर्थकों ने संसद के सामने सिन्ताग्मा चौक पर जश्न मनाते हुए यूनान के ध्वज लहराए और वे जोर-जोर से 'नहीं, नहीं, नहीं' कह रहे थे।
एशियाई बाजारों की शुरुआती ट्रेडिंग से निवेशकों को खतरे का संकेत मिल गया था, क्योंकि स्टॉक सूचकांक में तेजी से गिरावट आ गई थी।
प्रधानमंत्री एलेक्सिस त्सिप्रास के लिए यह एक निर्णायक जीत है जिनकी 5 माह पुरानी गठबंधन सरकार का भविष्य दांव पर लगा था। (भाषा)