सु्प्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा, याचिका स्वीकार की जाती है। इस मामले की सुनवाई अक्टूबर से शुरू हो रहे अगले सत्र में की जाएगी। कई किसानों और मछुआरों सहित ग्रामीणों की अगुवाई कर रहे बुद्ध इस्माइल जाम ने आरोप लगाया कि कोयले से चलने वाली टाटा मुंद्रा पावर प्लांट से व्यापक तौर पर पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है।
निचली अदालतों द्वारा उनकी याचिकाओं पर सुनवाई करने से इनकार करने के बाद जाम और अन्य याचिकाकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अपनी याचिका में ग्रामीणों ने दलील दी है कि टाटा मुंद्रा बिजली संयंत्र, अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय मानकों का पालन करने में विफल रही है। इसके परिणामस्वरूप स्थानीय पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है। (भाषा)