पंजाब सरकार के गृह विभाग ने सईद की नजरबंदी का आदेश जारी किया था। लाहौर पुलिस ने चौबुरजी स्थित जमात-उद-दावा मुख्यालय पहुंचकर इस आदेश को क्रियान्वित किया। जमात-उद-दावा के पदाधिकारी अहमद नदीम ने फोन पर पीटीआई को बताया कि सईद 'मस्जिद-ए-कदसिया चौबुरजी' में है और बड़ी संख्या में पुलिस बल ने संगठन के मुख्यालय को घेर रखा है।
नदीम ने कहा, 'पुलिस अधिकारी ने हमें बताया कि उसके पास जेयूडी प्रमुख को नजरबंद करने का आदेश है जिसे पंजाब के गृह विभाग ने जारी किया है।' एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, 'हम हाफिज सईद को जौहर टाउन स्थित उसके आवास पर ले जा रहे हैं जहां उसे सरकार के आदेश पर नजरबंद रखा जाएगा।' उन्होंने कहा कि सईद के आवास को उप-कारागार घोषित कर दिया गया है।
गृह विभाग के निर्देश पर लाहौर में जमात-उद-दावा के मुख्यालय पर राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया गया है। नजरबंदी से कुछ घंटे पहले सईद ने कहा कि अगर 'दबाए हुए कश्मीरियों' की आवाज उठाने के लिए उसके संगठन पर किसी तरह का अंकुश लगाया जाता है तो उसे कोई परवाह नहीं है। उसने नवाज शरीफ सरकार को चेतावनी दी कि अगर कोई अंकुश लगाया जाता है तो उसका संगठन अदालत का रुख करेगा।
पंजाब के गृह मंत्रालय ने तीन दिन पहले सईद और चार अन्य- अब्दुल्ला उबैद, जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद और काजी कासिफ नियाज- के नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 प्रस्तावों के तहत निगरानी सूची में डाल दिए थे तथा इनको एहतियातन हिरासत में लने का आदेश दिया था। उबैद, इकबाल, आबिद और नियाज को भी नजरबंद किया गया है।
जमात-उद-दावा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है। लश्कर 2008 के मुंबई हमले सहित कई आतंकवादी घटनाओं के लिए जिम्मेदार है। संयुक्त राष्ट्र ने जून, 2014 में जमात-उद-दावा को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था। (भाषा)