वीसल एक कार्यकर्ता, लेखक, दार्शनिक, श्रेष्ठ वक्ता, नाटककार और प्रोफेसर भी थे। अपने पूरे जीवन के दौरान वे यहूदी नरसंहार में जीवित बचे लोगों की आवाज बने रहे जिसके लिए उन्हें नोबेल पुरस्कार से भी नवाजा गया। समाचार पत्र 'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने बताया कि वीसल का शनिवार को उनके घर पर निधन हो गया।
नोबेल समिति ने शांति के लिए नोबेल देते हुए उन्हें मानवता का दूत बताया। समिति ने कहा था कि ऐसे युग में जहां एक ओर हिंसा, शोषण, दमन और रंगभेद का दौर चल रहा है, वीसल एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक नेता के रूप में उभरे हैं।