मानव रक्त को मस्तिष्क कोशिका में बदला

शुक्रवार, 22 मई 2015 (18:57 IST)
टोरंटो। भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक और उनके सहयोगियों ने वयस्क मानव रक्त कोशिका को न्यूरोन में बदल कर विज्ञान के क्षेत्र में एक इतिहास रचा है।
वैज्ञानिकों के इस चमत्कार के बाद अब वयस्क मानव के रक्त की कोशिकाओं को केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (मस्तिष्क एवं मेरूरज्जु) न्यूरोन के साथ ही परिधीय तंत्रिका तंत्र के न्यूरोन में बदला जा सकता है जो दर्द, तापमान और खुजली के बोध के लिए जिम्मेदार होते हैं।
 
अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि इसका मतलब है कि अब किसी शख्स के खून से यह निर्धारित किया जा सकता है कि उसकी तंत्रिका तंत्र कोशिकाएं किस उद्दीपक पर किस तरह प्रतिक्रिया करेंगी।
 
यह उपलब्धि मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के ‘स्टेम सेल ऐंड कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट’ के निदेशक मिक भाटिया के नेतृत्व में अनुसंधानकर्ताओं ने हासिल की। अभी, वैज्ञानिकों के पास दर्द और उसके इलाज के जटिल मुद्दे की सीमित जानकारी है।
 
परिधीय तंत्रिका तंत्र अनेक तरह की स्नायुओं से बना है। उनमें से कुछ दबाव महसूस करती हैं और कुछ तापमान (ताप) महसूस करती हैं। चरम स्थितियों में मस्तिष्क दर्द या सुन्न होने का बोध इन्हीं परिधीय स्नायुओं के जरिये करता है।
 
भाटिया ने कहा, ‘समस्या यह है कि रक्त या किसी चमड़ी के नमूने या किसी उत्तक बायोप्सी की तरह आप किसी मरीज की स्नायु प्रणाली का कोई टुकड़ा नहीं ले सकते। यह समूचे शरीर में किसी जटिल वायरिंग की तरह है और अध्ययन के लिए नमूने के रूप में उसके हिस्सों को नहीं लिया जा सकता।’
 
उन्होंने कहा, ‘अब हम खून के नमूने ले सकते हैं और तंत्रिका तंत्र की विभिन्न कोशिका प्रकार - केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र और परिधीय तंत्रिका तंत्र बना सकते हैं जो प्रत्येक रोगी के लिए विशिष्ट होगा।’ (भाषा)

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