वैज्ञानिकों के इस चमत्कार के बाद अब वयस्क मानव के रक्त की कोशिकाओं को केन्द्रीय तंत्रिका तंत्र (मस्तिष्क एवं मेरूरज्जु) न्यूरोन के साथ ही परिधीय तंत्रिका तंत्र के न्यूरोन में बदला जा सकता है जो दर्द, तापमान और खुजली के बोध के लिए जिम्मेदार होते हैं।
यह उपलब्धि मैकमास्टर यूनिवर्सिटी के ‘स्टेम सेल ऐंड कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट’ के निदेशक मिक भाटिया के नेतृत्व में अनुसंधानकर्ताओं ने हासिल की। अभी, वैज्ञानिकों के पास दर्द और उसके इलाज के जटिल मुद्दे की सीमित जानकारी है।
भाटिया ने कहा, ‘समस्या यह है कि रक्त या किसी चमड़ी के नमूने या किसी उत्तक बायोप्सी की तरह आप किसी मरीज की स्नायु प्रणाली का कोई टुकड़ा नहीं ले सकते। यह समूचे शरीर में किसी जटिल वायरिंग की तरह है और अध्ययन के लिए नमूने के रूप में उसके हिस्सों को नहीं लिया जा सकता।’