इससे पहले चूहों में इसे सफलता पूर्वक किया जा चुका है लेकिन मानव अंडों में यह जटिल साबित हुआ। इस शोध में शामिल प्रोफेसर ई टेल्फर ने कहा, ‘इस सिद्धांत का साक्ष्य मिलना उत्साहवर्धक है कि मानव ऊतक में इस चरण तक पहुंचना संभव हैं। लेकिन अंडों की गुणवत्ता का परीक्षण और इसे संरक्षित करने की स्थितिओं में सुधार के लिए बहुत काम करने की जरूरत है।’