टला युद्ध का खतरा : उत्तर कोरिया जिस तेजी से परमाणु हथियार विकसित कर रहा था उसने दुनिया की नाक में दम कर दिया था। दक्षिण कोरिया, अमेरिका और जापान मिल कर भी उसकी नाक में नकेल नहीं कस पा रहे थे। इससे दुनिया पर युद्ध का खतरा मंडराने लगा था लेकिन इस मुलाकात में किम जोंग ने जिस तरह से शांति स्थापित करने का प्रयास किया उससे यह खतरा टल गया है। घोषणापत्र में कहा गया है कि कोरियाई प्रायद्वीप में अब कोई जंग नहीं होगी।
परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में बड़ा कदम : माना जा रहा है कि इस मुलाकात के बाद उत्तर कोरिया परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में बड़ा कदम उठाएगा। दोनों देशों के साक्षा घोषणापत्र में कहा गया है कि पूरे कोरियाई प्रायद्वीप को परमाणु हथियारों से मुक्त किया जाएगा। अगर उत्तर कोरिया इस दिशा में आगे बढ़ता है तो अन्य देश भी उससे प्रेरणा ले सकते हैं।