इस्लामाबाद। कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान की घोषित नीति से कुछ अलग रुख अपनाते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को कहा कि इस्लामाबाद कश्मीर की अवाम को यह फैसला लेने देगा कि वे पाकिस्तान के साथ आना चाहते हैं, या फिर एक स्वतंत्र देश बनाना चाहते हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत का हमेशा यह कहना रहा है कि जम्मू-कश्मीर उसका अभिन्न हिस्सा था, है और रहेगा। नई दिल्ली ने इस्लामाबाद को कहा है कि जम्मू-कश्मीर से संबंधित मुद्दे उसके आंतरिक मामले हैं और भारत अपनी समस्याओं को सुलझाने में सक्षम है।
कश्मीर पर पाकिस्तान की घोषित नीति के मुताबिक इस मुद्दे का समाधान संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के अनुरूप जनमत संग्रह से निकाला जाना चाहिए, जिसमें कश्मीरियों को पाकिस्तान या भारत में से किसी एक को चुनने की इजाजत दी जाए। तीसरे विकल्प का जिक्र करके खान ने घोषित नीति से अलग रास्ते पर जाने की संभावना को बल दिया है।
चुनाव में गड़बड़ी के पीएमएल-एन के आरोपों पर खान ने कहा कि उनकी पार्टी तो एक साल से विपक्ष से कहती आ रही है कि वे आएं और इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के बारे में बात करें। उन्होंने कहा, लेकिन विपक्ष तो हमारी बात सुनना ही नहीं चाहता।(भाषा)