UN में भारत का करारा जवाब, दुनियाभर में कई आतंकवादी घटनाओं में पाकिस्तान का हाथ

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

शनिवार, 28 सितम्बर 2024 (11:04 IST)
India answer to pakistan in UN : पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा संयुक्त राष्ट्र महासभा में कश्मीर राग छेड़े जाने के बाद भारत ने राइट टू रिप्लाई के तहत उसे करारा जवाब दिया। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को याद दिलाया कि यह वही देश है जिसने लंबे समय तक अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी। दुनियाभर में कई आतंकवादी घटनाओं में पाकिस्तान का हाथ है। ALSO READ: शहबाज शरीफ ने UN में फिर उठाया कश्मीर मुद्दा, भारत पर लगाए कई आरोप
 
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव भाविका मंगलानंदन ने कहा कि इस महासभा ने आज सुबह खेदजनक रूप से एक हास्यास्पद घटना देखी। आतंकवाद, मादक पदार्थ के कारोबार और अंतरराष्ट्रीय अपराध के लिए दुनियाभर में पहचाने जाने वाले एवं सेना द्वारा संचालित एक देश ने विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र पर हमला करने का दुस्साहस किया।
 
उन्होंने पाकिस्तान स्थित आतंकी समूहों द्वारा भारतीय संसद पर 2001 के हमले और मुंबई के 26/11 आतंकी हमलों के संदर्भ में कहा कि उसने हमारी संसद, हमारी वित्तीय राजधानी मुंबई, बाजार तथा तीर्थस्थलों पर हमला किया है। सूची लंबी है। ऐसे देश का हिंसा के बारे में कहीं भी बोलना पूरी तरह पाखंड है।
 
सामरिक व्यवस्था के किसी प्रस्ताव के संदर्भ में जवाब देते हुए भारत ने कहा कि आतंकवाद के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। बल्कि पाकिस्तान को भी यह पता होना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के अनिवार्य रूप से परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
 
मंगलानंदन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को याद दिलाया कि यह वही देश है जिसने लंबे समय तक अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कई आतंकवादी घटनाओं में पाकिस्तान का हाथ है। दुनिया जानती है कि पाकिस्तान अपने पड़ोसियों के खिलाफ हथियार के तौर पर सीमा पार आतंकवाद का लंबे समय से इस्तेमाल करता रहा है।
 
गौरतलब है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने शुक्रवार को अपने संबोधन में एक बार फिर कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए भारत पर बड़े पैमाने पर सैन्य क्षमता का विस्तार करने व पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) पर कब्जा करने के लिए नियंत्रण रेखा (LoC) को पार करने की धमकी देने का आरोप लगाया था।
 
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने मांग की कि भारत को 2019 में जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के फैसले को वापस लेना चाहिए। उन्होंने भारत पर अपनी मुस्लिम आबादी को अधीन करने और इस्लामी विरासत को खत्म करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया।

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