उन्होंने कहा कि शीतयुद्ध जैसे संबंध बन रहे हैं। भारत और चीन के बीच मजबूत वाणिज्यिक संबंध हैं, लेकिन ये भारत के लिए ज्यादा संतोषजनक नहीं है और इन्हीं में से मिलते-जुलते अनेक ऐसे कारण हैं जिनकी वजह से अमेरिका भी चीन के साथ व्यापार संबंधों से संतुष्ट नहीं है।
विदेश संबंध परिषद में वर्तमान में फैलो एलीजा ने भारत-चीन के बीच संबंधों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि मेरा मानना है कि हिन्द महासागर में चीन जिस प्रकार से अपना प्रभाव बढ़ा रहा है और जिबूती में उसका अड्डा है, उससे भारत चिंतित है। इसके अलावा चीन के पाकिस्तान, श्रीलंका से बनते गहरे रिश्ते तथा वह दोनों देशों में जिस प्रकार से भारी निवेश कर रहा है, उससे भी भारत चिंतित हो सकता है।
एलीजा ने कहा कि मेरा मानना है कि भारत, चीन को नियंत्रित करने के लिए अमेरिकी अगुवाई वाले किसी अभियान में शामिल नहीं होगा। भारत ऐसा नहीं करना चाहता। वह अपने हितों की रक्षा करना चाहता है। वह उदार विश्व व्यवस्था को बनाए रखना चाहता है। (भाषा)