वैसे इस क्षेत्र में भारत का पलड़ा भारी है क्योंकि यह एक बहुत ही छोटा और संकरा इलाका है, जहां बड़ी संख्या में सैनिकों को पूरी तरह तैनात भी नहीं किया जा सकता। ऐसे में इस क्षेत्र में सामरिक बढ़्त ऊंचाई वाले क्षेत्र में होती है जिस पर फिलहाल आईटीबीपी और भारतीय सेना के 3 हजार से अधिक जवान पूरी मुस्तैदी से जुटे हैं। (चित्र सौजन्य : ट्विटर)