मास्को। भारत और चीन के बीच जारी विवाद के बीच रूस ने कहा है कि दोनों देश मिलकर मामले को सुलझा लेंगे। इस मामले में किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है। रूसी विदेश मंत्री का यह बयान परोक्ष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए संदेश है, जो बीच-बीच में मध्यस्थता की बात करते रहते हैं।
भारतीय विदेश मंत्री ने चीन को याद दिलाया कि डॉक्टर कोटनिस उन पांच भारतीय डॉक्टरों में शामिल थे जो दूसरे चीन-जापान युद्ध के दौरान वर्ष 1938 में चिकित्सा सहायता देने के लिए वहां गए थे। जयशंकर ने परोक्ष रूप से चीन को यह बताने की कोशिश की है कि वह संकट के समय हमेशा उसके साथ खड़ा रहा है। अत: उसे भी भारत के वैध हितों को मान्यता देनी चाहिए। (भाषा)