एक ऑस्ट्रेलियाई व्यक्ति कुछ समय पहले हेपेटाइटस सी नाम की बीमारी से ग्रस्त था। इसकी वजह से उसे लिवर सिरेसिस होने की संभावनाएं थी, इसकी वजह से उसकी मौत बहुत नजदीक थी। उसे इस बीमारी से निजात पाने के लिए सिवोल्डी नाम की दवा की जरूरत थी।
यही एक दवा थी जिसके इस्तेमाल से उसकी जान बच सकती थी। डॉक्टर ने उसे इस दवा की 84 गोलियों का कोर्स करने के लिए कहा था। लेकिन यह दवा बहुत महंगी थी और हर एक कैप्शूल की कीमत एक हजार ऑस्ट्रेलियन डॉलर थी। और इस तरह से कुल दवाई के लिए उसे एक लाख ऑस्ट्रेलियन डॉलर चुकाने पड़ते। जेफरी जो एक इतिहासकार व लेखक हैं उनके पास इतने पैसे नहीं थे। इससे वे बहुत निराश हो गए।
जेफरी ने एक अंग्रेजी चैनल को बताया कि उसी दवाई की कीमत भारत में मात्र 10 ऑस्ट्रेलियन डॉलर है। उन्होंने बताया कि जैसे ही मैंने अपने घर लौटकर उन दवाइयों को लेना शुरू किया मेरे हालात में सुधार आना भी शुरू हो गया। और 11वें दिन तक मेरा लिवर सामान्य तरीके से काम करने लगा और चार हफ्तों में मेरे खून में कोई वायरस भी नहीं रह गया।