जीआईआई-2021 में 0.490 स्कोर के साथ 191 देशों में भारत 122वें पायदान पर था। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने कहा कि जीआईआई-2021 की तुलना में भारत ने जीआईआई-2022 में 14 पायदान का सुधार किया है। हालांकि देश की श्रम बल भागीदारी दर में सबसे बड़ा लैंगिक अंतर भी है, जो कि महिलाओं (28.3 प्रतिशत) और पुरुषों (76.1 प्रतिशत) के बीच 47.8 प्रतिशत है।
यह आंकड़ा संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की रिपोर्ट ब्रेकिंग द ग्रिडलॉक: रीइमेजिनिंग कोऑपरेशन इन ए पोलराइज्ड वर्ल्ड में प्रकाशित किया गया है। वर्ष 2022 में, भारत ने सभी एचडीआई संकेतकों में सुधार देखा, जिनमें जीवन प्रत्याशा, शिक्षा और प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) में सुधार दर्ज किया गया।
इसमें कहा गया कि प्रजनन स्वास्थ्य में भारत का प्रदर्शन मध्यम मानव विकास समूह या दक्षिण एशिया के अन्य देशों की तुलना में बेहतर है। मंत्रालय ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में, जीआईआई में भारत की रैंक लगातार बेहतर हुई है, जो देश में लैंगिक समानता हासिल करने में प्रगतिशील सुधार का संकेत देती है। 2014 में यह रैंक 127 थी, जो अब 108 हो गई है। वेबदुनिया न्यूज