UN में भारत ने खोली पाकिस्तान की साजिशों की पोल, आतंकवाद को लेकर दी चेतावनी

शुक्रवार, 28 फ़रवरी 2020 (19:33 IST)
जिनेवा। जम्मू-कश्मीर में सकारात्मक विकास को पटरी से उतारने की पाकिस्तान की साजिशों की कड़ी निंदा करते हुए भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाक हुक्मरानों से कहा कि वह आतंकवाद का आर्थिक मदद देना बंद करे और उसकी अपनी जमीन तथा उसके नियंत्रण वाले इलाकों से संचालित आतंकवादी शिविरों को नष्ट करे।
 
अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का यह बयान, वैश्विक आतंकवाद वित्तीय निगरानी संस्था ‘वित्तीय कार्रवाई बल (एफएटीएफ) के पेरिस में लिए गए फैसले के एक सप्ताह बाद आया है।
 
एफएटीएफ ने पाकिस्तान को ‘ग्रे लिस्ट’ में बनाए रखने का फैसला करने के साथ ही उसे चेतावनी दी थी कि अगर उसने अपने नियंत्रण वाले इलाकों से जारी आतंकवाद को वित्तीय पोषण मुहैया कराने वालों को दंडित नहीं किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
 
मानवाधिकार परिषद की यहां 43वीं बैठक में पाकिस्तान द्वारा जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार हनन पर चिंता जताए जाने के बाद भारत ने उन आरोपों पर जवाब देने के अपने अधिकार के तहत ये बातें कहीं।
भारत के स्थायी मिशन में प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की छवि खराब करने के लिए पगलाया हुआ है, लेकिन पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को गुमराह करने के लिए खुला नहीं छोड़ा जा सकता।
 
आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों को खुला समर्थन देकर जम्मू-कश्मीर में सकारात्मक विकास को पटरी से उतारने की साजिशें कर रहा है लेकिन उसकी ऐसी साजिशों के बावजूद जम्मू-कश्मीर में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं।
 
इस मौके पर भारत ने पाकिस्तान को 10 नसीहतों की सूची सुझाई। भारतीय राजनयिक ने पाक से कहा कि वह उसकी अपनी जमीन तथा उसके नियंत्रण वाले इलाकों से संचालित आतंकवादी शिविरों को नष्ट करे।
 
मुस्लिम आबादी बहुल पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की दुर्दशा को रेखांकित करते हुए आर्यन ने पड़ोसी हुक्मरान से कहा कि वह ईशनिंदा कानून का बेजा इस्तेमाल कर अल्पसंख्यकों को मौत के घाट उतारे जाने पर रोक लगाए, हिंदू, सिख और ईसाई धर्मों की महिलाओं और बच्चियों के जबरिया धर्मांतरण को खत्म करें और साथ ही शियाओं, अहमदिया, इस्लामिया और हाजरा लोगों के खिलाफ धार्मिक उत्पीड़न पर लगाम लगाए।
 
उन्होंने कहा कि आसिया बीवी के खिलाफ ईशनिंदा कानून, अहमदिया अब्दुल शकूर के खिलाफ कहर बरपाना, नाबालिग सिख लड़की जगजीत कौर का अपहरण और जबरन विवाह - ये सब आज पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के लिए आए दिन की बात हो गए हैं।
 
आर्यन ने पाकिस्तान पर यह भी आरोप लगाया कि वह दूसरे देशों में आत्मघाती हमलों सहित विभिन्न आतंकवादी करतूतों के लिए बच्चों को भर्ती कर रहा है।
 
भारत और पाकिस्तान में लोकतंत्र की स्थिति के बारे में आर्यन ने कहा कि पूरी दुनिया आज इस हकीकत को बखूबी जानती है कि पाकिस्तान में मानवाधिकार की क्या हालत है। उधर, भारत के लोकतांत्रिक संस्थान समय की कसौटियों पर खरे उतरे हैं और वे संस्थान अल्पसंख्यकों समेत अपने सभी नागरिकों के हितों की रक्षा करने के लिए किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार हैं।
 
कश्मीर मसले पर ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपेरशन के बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए भारतीय दूत ने कहा कि भारत के आंतरिक मामलों में टिप्पणी करने का उसका कोई अधिकार ही नहीं बनता है।
 
राष्ट्रीय नागरिक पंजी (NRC) पर बेल्जियम की टिप्पणी का हवाला देते हुए आर्यन ने कहा कि भारत का करीबी सहयोगी होने के नाते हम चाहते थे कि बेल्जियम इस मुद्दे पर किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले हमसे तथ्यों की पड़ताल करता।
 
उन्होंने साथ ही कहा कि हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी साफ साफ कह चुके हैं कि असम में उच्चतम न्यायालय के निर्देशों को छोड़कर कहीं भी एनआरसी पर कोई चर्चा नहीं हुई है। (भाषा)

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