Bangladesh Ambassador Haroon Al Rashid: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया और नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने अपने ही राजदूत का पासपोर्ट रद्द कर दिया। दरअसल, राजदूत हारून अल रशीद ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से यूनुस को आईना दिखाने की कोशिश की थी। उन्होंने लिखा- बांग्लादेश के मुसलमानों को भारत के खिलाफ भड़काने वाले कौन हैं? यूनुस के शासन में बांग्लादेश का अराजकता की ओर बढ़ना और दुनिया की चुप्पी दर्दनाक है। उनकी इस पोस्ट से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बांग्लादेश और यूनुस की किरकिरी हो गई है।
रशीद पर यूनुस सरकार का एक्शन : रशीद पोस्ट के कारण बांग्लादेश सरकार की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना होने लगी। इससे तिलमिलाई यूनुस सरकार ने तुरंत उनका पासपोर्ट रद्द करने का आदेश जारी कर दिया। इसके अलावा, उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू करने की भी बात कही गई है।
आखिर ऐसा क्या लिख दिया हारून अल रशीद ने : रशीद ने अपनी पोस्ट में यूनुस को आड़े हाथों लेते हुए लिखा- मुहम्मद यूनुस द्वारा की गई बर्बरता के कारण देश तड़प रहा है। लाखों लोगों के सामने एक असंभव विकल्प है- मृत्यु, निर्वासन या कट्टरपंथी उग्रवाद के आगे समर्पण।
जिहादियों पर निशाना : उन्होंने आगे लिखा- फरहाद मजहर और जाहेदुर रहमान जैसे जिहादी शेख हसीना की अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के प्रति प्रतिबद्धता का दुरुपयोग करते हुए बांग्लादेश में पनपे हैं। उनका प्रचार हिंदुओं और भारत के खिलाफ चरमपंथी नफरत को बढ़ावा देता है, सिर्फ इसलिए क्योंकि हिंदू उनके शासन में सुरक्षित महसूस करते हैं। उनके मनगढ़ंत दावों ने बांग्लादेश में मुसलमानों के बीच भारत विरोधी भावना को एक मनोवैज्ञानिक विकार में बदल दिया है।
इतिहास और परंपराओं को मिटा दिया : रशीद ने लिखा- यूनुस के शासन में मीडिया चुप रहा। चरमपंथियों ने बांग्लादेशियों को यह विश्वास दिला दिया है कि पश्चिम अब इस्लामी आतंकवाद को गंभीरता से नहीं लेता है। जिहादियों ने बांग्लादेश की धर्मनिरपेक्ष और सांस्कृतिक पहचान को मिटा दिया है। यूनुस की देखरेख में इतिहास और परंपराओं को मिटा दिया है। उन्होंने न केवल संग्रहालयों, भित्तिचित्रों, मूर्तियों और सांस्कृतिक प्रतीकों को नष्ट किया है। सैकड़ों सूफी तीर्थस्थलों और हिंदू मंदिरों को भी नष्ट कर दिया। अल्पसंख्यक और धर्मनिरपेक्ष लोग लगातार डर में रहते हैं, जबकि हिज्ब उत-तहरीर, आईएस और अल-कायदा अपने लाल और काले झंडे लहराते हैं, खुलेआम इस्लामी धर्मतंत्र की मांग करते हैं।