यहूदी शासन के नष्ट होने का डर : खामेनेई ने ईरान के सरकारी टेलीविजन पर प्रसारित एक वीडियो संदेश में यह टिप्पणियां कीं। इजराइली सेना की तेहरान पर बमबारी के बाद 12 दिनों तक चले युद्ध के दौरान 86-वर्षीय खामेनेई ने एक गुप्त स्थान पर शरण ली थी। खामेनेई ने कहा कि अमेरिका ने युद्ध में केवल इसलिए हस्तक्षेप किया, क्योंकि उसे लगा कि अगर उसने हस्तक्षेप नहीं किया, तो यहूदी शासन पूरी तरह से नष्ट हो जाएगा।
अमेरिका के मुंह पर तमाचा : हालांकि, उन्होंने दावा किया कि अमेरिका को इस युद्ध से कुछ हासिल नहीं हुआ है। खामेनेई ने सोमवार को कतर में अमेरिकी सैन्य अड्डे पर ईरानी मिसाइल हमले का स्पष्ट संदर्भ देते हुए कहा कि इस्लामिक गणराज्य विजयी हुआ और उसने अमेरिका के मुंह पर तमाचा मारा।
मंगलवार से प्रभावी हुआ युद्धविराम : खामेनेई को 13 जून को युद्ध छिड़ने के बाद एक गुप्त स्थान पर शरण लेने के बाद से सार्वजनिक रूप से नहीं देखा गया है। इजराइल ने ईरानी परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमला किया था और शीर्ष सैन्य कमांडरों और वैज्ञानिकों को निशाना बनाया। बाद में अमेरिका ने 22 जून को बंकर-बस्टर बमों से ईरान के परमाणु स्थलों को निशाना बनाया था। इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल और ईरान के बाद युद्धविराम की घोषणा की, जो मंगलवार को प्रभावी हुआ। (भाषा/वेबदुनिया)