राष्ट्रपति अब्देल फतेह अल सीसी ने पहले ही इस 22 वर्षीय हमलावर छात्र की पहचान महमूद शफीक के रूप में की थी। ऐसा माना जाता है कि इसी ने अपना नाम बदलकर अबू अब्दुल्ला अल मसरी रखा है। वह वर्ष 2014 में सिनाई में इस्लामिक स्टेट में शामिल होने से पहले दो महीने तक जेल में बंद रहा था।