उन्होंने शिक्षकों से कहा कि जब कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा, तो हम फिर मिलेंगे। ग्लोबल टाइम्स ने जैक मा को इंग्लिश टीचर से उद्यमी बनने वाला बताया है। जैक मा के परिचय में अलीबाबा का जिक्र नहीं किया गया, जिसकी स्थापना खुद उन्होंने की है।
खबरों के मुताबिक चीनी सरकार खासकर राष्ट्रपति शी जिनपिंग की नाराजगी के बाद से ही वे सार्वजनिक जीवन में नजर नहीं आ रहे हैं। इतना ही नहीं, जैक मा का कारोबारी साम्राज्य भी सरकार के निशाने पर है। चीन में इस बात की चर्चा जोरो पर है कि चीन सरकार जैक मा की कंपनी अलीबाबा का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकती है।
बता दें कि जैक मा ने चीन के बैंकिंग सिस्टम की आलोचना करते हुए उसे पुराना और घिसापिटा करार दिया था। जैक मा ने बीते अक्टूबर में चीन के सरकारी बैंकों पर 'सूदखोर सेठों' जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो सिर्फ उन्हीं को लोन देते हैं जो बदले में कुछ गिरवी रखें। इसके बाद वे आलोचनाओं के घेरे में आ गए थे। खबरों के मुताबिक, जैक मा की इस राय पर कम्युनिस्ट पार्टी और सरकारी अधिकारियों ने कड़ी आपत्ति दर्ज की थी।