जमात प्रमुख की मौत की सजा बरकरार

गुरुवार, 5 मई 2016 (19:14 IST)
ढाका। बांग्लादेश की सर्वोच्च अदालत ने गुरुवार को कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के अध्यक्ष मोती-उर-रहमान निजामी को 1971 में पाकिस्तान के साथ मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ अपराध के लिए मिली मौत की सजा को बरकरार रखा।
 
मुख्य न्यायाधीश सुरेंद्र कुमार सिन्हा की अध्यक्षता वाली 4 सदस्यीय अपीलीय खंडपीठ ने एक शब्द का फैसला सुनाया।
 
शीर्ष न्यायाधीश ने 72 वर्षीय निजामी की अंतिम अपील पर कहा कि खारिज की जाती है। निजामी हत्या, बलात्कार और गुप्त रूप से योजना बनाकर शीर्ष बुद्धिजीवियों की हत्या का दोषी है।
 
गुरुवार का निर्णय निजामी की याचिका को सुनवाई के लिए पीठ को सौंपने के 2 दिन बाद आया है जिसमें शीर्ष अदालत के खुद के पहले फैसले की समीक्षा की मांग की गई थी, जो उसकी मौत की सजा की पुष्टि करती है। (भाषा) 

वेबदुनिया पर पढ़ें