Canada Election 2021 Results : जस्टिन ट्रूडो की पार्टी को मिली संसदीय चुनाव में जीत, किंतु बहुमत से दूर

Webdunia
मंगलवार, 21 सितम्बर 2021 (18:13 IST)
टोरंटो। कनाडा में सोमवार को संसदीय चुनाव के परिणाम में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी को जीत मिली है, हालांकि अधिकतर सीटों पर बड़ी जीत की उनकी मंशा पूरी नहीं हो पाई है। ट्रूडो को उम्मीद थी कि कोरोनावायरस महामारी से मुकाबले के लिए उनकी सरकार के प्रयासों को जनता बड़े स्तर पर समर्थन देगी किंतु जनता ने अन्य मुद्दों पर अधिक महत्व दिया।

ALSO READ: 13 अखाड़े के हिन्दू संत अपने नाम के आगे गिरि, पुरी आदि उपनाम क्यों रखते हैं?
 
लिबरल पार्टी ने किसी भी पार्टी की तुलना में सबसे अधिक सीटें हासिल की हैं। ट्रूडो ने 2015 के चुनाव में अपने दिवंगत पिता एवं पूर्व प्रधानमंत्री पियरे ट्रूडो की लोकप्रियता का सहारा लिया और चुनाव में जीत हासिल की थी। फिर पार्टी का नेतृत्व करते हुए पिछले दो बार के चुनाव में उन्होंने अपने दम पर पार्टी को जीत दिलाई। लिबरल पार्टी 2019 में जीती गई सीटों से एक कम यानी 156 सीटों पर जीत के कगार पर है। हाउस ऑफ कॉमंस में बहुमत के लिए 170 सीटों पर जीत आवश्यक है। कंजरवेटिव पार्टी ने 121 सीटें जीती हैं, 2019 में भी वह इतनी ही सीटें जीत थी, ब्लॉक क्यूबेकोइस 32 और वामपंथी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी 27 सीटों पर आगे है।

ALSO READ: पढ़ाई से ध्यान हटा सत्संग करने लगा 12वीं का छात्र, अचानक हुआ लापता
 
ऐसा प्रतीत नहीं होता कि ट्रूडो (49) पर्याप्त सीटें जीत पाएंगे लेकिन वह एक स्थिर अल्पमत की सरकार बनाने की स्थिति में हैं और अन्य पार्टियों के सहयोग के बिना किसी कानून को पारित नहीं करा पाएंगे। लेकिन वह इतनी सीटें जरूर जीत जाएंगे उन्हें पद से हटाने का खतरा नहीं रहेगा। विपक्ष ट्रूडो पर अपने फायदे के लिए समय से दो साल पहले आम चुनाव कराने का आरोप लगाता रहा है। ट्रूडो ने कहा कि आपने कनाडा को महामारी के संकट से बाहर निकालने की खातिर हमें स्पष्ट बहुमत के साथ काम करने के लिए चुना है। मैंने आपकी उन आवाजों को सुना है कि महमारी की चिंता किए बगैर आप अपनी उन मनपसंद चीजों को फिर से करना चाहते हैं।

ALSO READ: कोविशील्ड पर UK के फैसले से भारत नाराज, कहा- हम भी करेंगे जवाबी कार्रवाई
 
हालांकि, विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रूडो की जीत ऐसी नहीं है जिसकी वह उम्मीद कर रहे थे। मॉन्ट्रियल में मैक गिल विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान के प्रोफेसर डेनियल बेलैंड ने कहा कि ट्रूडो की बहुमत पाने की मंशा पूरी नहीं हो पाई। इसलिए मैं कहूंगा कि यह उनके लिए धूप-छांव वाली जीत है। देखा जाए तो यह पुरानी अल्पमत की सरकार जैसी ही होगी। ट्रूडो और लिबरल पार्टी के नेता अपना अस्तित्व बचाने में कामयाब रहे और वे सत्ता में बने रहेंगे।
 
ट्रूडो ने दावा किया था कि कनाडा के लोग महामारी के दौरान कंजरवेटिव पार्टी की सरकार नहीं चाहते। कनाडा वर्तमान में दुनिया के उन देशों में शामिल है जिसके अधिकतर नागरिकों का पूर्ण टीकाकरण हो चुका है। ट्रूडो ने दलील दी कि कंजरवेटिव पार्टी का दृष्टिकोण खतरनाक है, क्योंकि वे लॉकडाउन के खिलाफ हैं। उन्होंने कहा कि कनाडा के लोगों को एक ऐसी सरकार चाहिए जो विज्ञान का अनुसरण करे।
 
कंजरवेटिव पार्टी के नेता एरिन ओटुले ने कहा था कि उनकी पार्टी के उम्मीदवारों को टीका लगवाने की जरूरत नहीं है और वह नहीं बता पाएंगे कितने लोगों का टीकाकरण हुआ। अलबर्टा के प्रधानमंत्री और ओटुले के सहयोगी जेसन केन्नी ने कहा कि प्रांत के अस्पतालों में कुछ दिनों में रोगियों और कर्मियों के लिए बिस्तर उपलब्ध नहीं रह सकते हैं और आईसीयू के भी भरने की आशंका है। उन्होंने इस गंभीर स्थिति के लिए माफी मांगी और कहा कि अब वे टीका पासपोर्ट की शुरुआत करना चाहते हैं तथा करीब दो महीने तक सभी पाबंदियों से छूट के बाद घर से काम करने को अनिवार्य करना चाहते हैं।
 
20वीं शताब्दी के दौरान लिबरल पार्टी ने 69 वर्षों तक कनाडा पर शासन किया। पियरे ट्रूडो ने एक न्यायपूर्ण समाज का आह्वान किया और देश का नेतृत्व किया जो कनाडा में इससे पहले नहीं देखा गया था। कनाडा के सबसे बड़े शहर और दुनिया के सबसे बहुसांस्कृतिक शहरों में से एक टोरंटो में ट्रूडो की लिबरल पार्टी का वर्चस्व रहा है।(भाषा)

सम्बंधित जानकारी

अगला लेख