हेग स्थित पीस पैलेस में अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के अध्यक्ष रोनी अब्राहम ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए जाधव को विएना संधि के अनुच्छेद 36 के तहत राजनयिक संपर्क दिए जाने की भारत की अपील को सही ठहराया है और पाकिस्तान की इस दलील को खारिज कर दिया कि जाधव का मामला न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
भारत में खुशी का माहौल : जाधव की सजा पर रोक से भारत में खुशी की लहर दौड़ गई है और मोदी सरकार को इससे एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल हुई है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज ट्वीट करते हुए कहा कि इस फैसले से ने केवल जाधव के परिवार को बल्कि समस्त भारतवासियों को बड़ी राहत मिली है। श्रीमती स्वराज ने इस मामले में विशेष पहल की थी जिसकी वजह से इस मामले को हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में उठाया जा सका था।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने श्रीमती स्वराज से बात की और न्यायालय के फैसले पर संतोष व्यक्त किया और इसके लिए भारतीय टीम द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। मोदी सरकार पिछले कुछ महीनों से जाधव को फांसी से बचाने और न्याय दिलाने के लिए राजनीतिक स्तर पर काफी सक्रियता से काम कर रही थी। अटार्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय न्यायालय के इस फैसले से पाकिस्तान की नापाक कोशिशें पूरी तरह धराशायी हो गई हैं। यह फैसला भारत और पाकिस्तान दोनों के लिए बाध्यकारी है। उन्होंने कहा कि न्यायालय का अंतिम फैसला भी भारत के ही हक में आएगा और उम्मीद है कि जाधव सही सलामत स्वदेश लौट आएगा।