पाकिस्तान के 'दोगलेपन' की हुई जग हंसाई...

सोमवार, 25 दिसंबर 2017 (23:55 IST)
इस्लामाबाद/नई‍ दिल्ली। आतंकवादियों को पनाह देने वाले पाकिस्तान जैसे आतंकी देश ने क्रिसमस के दिन दोगलेपन की जो हरकत की, उससे उसकी जग हंसाई हो रही है...क्रिसमस के दिन वह एक मां को अपने बेटे से और एक पत्नी को उसके पति से कांच की दीवारे के पीछे इंसानियत की दुहाई देते हुए शिपिंग कंटेनर में मुलाकात जरूर करवाता है लेकिन उसके बाद उसके पूरे 'ड्रामे' की कलई भी खुल जाती है और वह एक बार फिर मुंह की खाता है...


40 मिनट की ये मुलाकात कांच की दीवार तानकर करवाई : ये पूरा मामला जासूसी के आरोप में पाकिस्तान में फांसी की सजा पाए भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कुलभूषण जाधव का है, जिसे वह किडनैप करके लाया है। 22 महीने पाकिस्तान की जेल में बंद जाधव से मिलने के लिए बड़ी उम्मीदों के साथ उनकी मां और पत्नी भारत से इस्लामाबाद गई थी लेकिन 40 मिनट की ये मुलाकात कांच की दीवार तानकर करवाई गई, वो भी कड़े पहरे में...

न मां बेटे को सीने से लगा पाई और न पत्नी हिम्मत बढ़ा पाई : पाकिस्तान में भारत के उप उच्चायुक्त जेपी सिंह डेढ़ बजे जाधव की मां और पत्नी को लेकर जेल पहुंचे। मां को उम्मीद थी कि वह बेटे को सीने से लगाकर कहेंगी कि तुझे फांसी नहीं होगी, मेरा आशीर्वाद तेरे साथ है...पत्नी मिलकर कहेगी कि आप हिम्मत रखो, सब ठीक हो जाएगा लेकिन 'पाक' की 'नापाक' हरकत से ऐसा कुछ भी नहीं हुआ..पाकिस्तान ने दलील ये दी कि सुरक्षा की दृष्टि से हमने यह कदम उठाया...

खुशी के दिन दिया दु:ख : सवाल ये पैदा होता है कि क्या एक बेटे को उसकी मां से और एक पति को अपनी पत्नी क्या खतरा हो सकता है? पाकिस्तान किसी ड्रामा कंपनी से कम नहीं है। शर्मनाक बात तो यह है कि क्रिसमस के दिन जब पूरी दुनिया एक दूसरे को खुशियां बांटती है, उसी दिन पाकिस्तान ने एक मां और एक पत्नी को निराश किया जबकि दुनिया का मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद ने क्रिसमस के दिन ही अपनी राजनैतिक पार्टी के दफ्तर का शुभारंभ किया ताकि 2018 में वह चुनाव लड़ सके...

मां और पत्नी का हृदय विचलित : जाधव से उनकी मां और पत्नी की मुलाकात के बीच कांच की मोटी दीवार थी।कांच की दीवार के पार हुई इस मुलाकात के पल-पल की कई कोनों से वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग की गई। नीले कोट में थके और बूढ़े नज़र आ रहे कमांडर जाधव को देखकर उनकी मां और पत्नी का हृदय विचलित था। कमांडर जाधव ने केवल अंग्रेज़ी भाषा में बात की। इस मुलाकात को 6 कैमरे कैद कर रहे थे। पाकिस्तान इंसानियत का 'नंगा नाच' नाच रहा था...

अंग्रेजी में हुई बात, मराठी में बातचीत की मनाही : खबरें तो यहां तक आ रही है कि कमांडर जाधव को मुलाकात करने के पहले 'टार्चर' किया गया था क्योंकि उनके कान के पास चोट के निशान थे। ममता की भाषा कभी अंग्रेजी नहीं होती। भारत में भी इस मुलाकात के तौर तरीकों को लेकर सवाल उठाए हैं तथा कमांडर जाधव एवं उनकी मां एवं पत्नी के बीच कांच की दीवार लगाए जाने की तीखी आलोचना की गई। रक्षा एवं कूटनीतिक विश्लेषकों ने जाधव को मराठी में बोलने से रोके जाने और उन्हें अपनी मां का आशीर्वाद लेने से महरूम किए जाने को अमानवीय करार दिया गया।

क्या सचमुच वे जाधव ही थे : पाकिस्तान में भारत के उप उच्चायुक्त जेपी सिंह भी वहां मौजूद थे लेकिन उन्हें दूर रखा गया ताकि वे इस बातचीत को सुन नहीं सके। पाकिस्तान सरकार ने इसके बाद कमांडर जाधव का एक स्वास्थ्य बुलेटिन भी जारी किया और एक वीडियो टेप भी जारी किया लेकिन कांच की दीवार के पार बैठे कमांडर जाधव और वीडियो में दिख रहे कमांडर जाधव में बहुत अंतर था। ऐसा प्रतीत होता है कि वीडियो काफी पहले रिकॉर्ड किया गया था। यह भी पता लगाना मुश्किल है कि क्या सचमुच वे जाधव ही थे...

नशीली दवाएं देकर लाया गया था जाधव को : अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण में कमांडर जाधव को बचाने के लिए पैरवी कर रहे जाने माने वकील हरीश साल्वे ने नई दिल्ली में कहा कि यह बहुत चिंता की बात है कि कमांडर जाधव को भयंकर रूप से प्रताड़ित किया गया है और उन्हें नशीली दवाएं देकर लाया गया था। वह अपनी मां और पत्नी से अपनी मातृभाषा की बजाए अंग्रेज़ी में बात कर रहे थे और उनकी भावभंगिमाएं भी अजीबोगरीब थीं। निश्चित रूप से मुलाकात के बाद उनकी मां की भी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं होगी। मैं इस केस को पूरी ताकत के साथ लडूंगा।

दोबारा वे जाधव को नहीं देख सकेंगे : पाकिस्तान के इस 'तमाशे' से जाधव की दोस्त वंदना पंवार और दोस्त सचिन काले भी बहुत दु:खी थे। उन्होंने कहा कि ऐसा लगा कि वे नकली मूवी दिखा रहे हैं। ये परिवार के लिए बहुत पीड़ादायक है। शायद जाधव की मां और पत्नी दोबारा उन्हें नहीं देख सकेंगे। ये पूरा नाटक था। जाधव की शारीरिक स्थिति भी ठीक नहीं थी। पाकिस्तान के ये पाप इस तमाशे से धुलने वाले नहीं है...

पाकिस्तानी मीडिया ने भी कोई बात नहीं की : वीडियो फुटेज के अनुसार विदेश मंत्रालय के बाहर पाकिस्तानी मीडिया भी मौजूद था लेकिन किसी ने उनसे कोई बात नहीं की। सिंह कमांडर जाधव की मां और पत्नी को लेकर एक काले रंग की एसयूवी में पहुंचे थे। वहां पहुंचने पर मेहमानों को एक ऐसे कक्ष में ले जाया गया, जो कांच की मोटी दीवार से दो भागों में बंटा था। एक हिस्से में कमांडर जाधव बैठे थे। दोनों ओर अनेक वीडियो कैमरे लगाए गए थे।

भारतीय उप उच्चायुक्त सिंह को भी दूर रखा गया : बातचीत को रिकॉर्ड करने के लिए अत्याधुनिक सेंसर लगे उपकरण लगाए गए थे। दूसरे हिस्से में कमांडर जाधव की मां एवं पत्नी की कुर्सी लगाई गई थी। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की एक महिला अधिकारी पीछे बैठे बातचीत पर पैनी नज़र रखे हुए थी जबकि भारतीय उप उच्चायुक्त सिंह को भी दूर रखा गया और वे एक और कांच की दीवार के पीछे घटनाक्रम को मूक दर्शक की भांति देखते रहे।

फुस-फुसाकर या इशारों से भी कुछ नहीं कह सकता था : इस कक्ष के दोनों ओर बातचीत इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हो रही थी ताकि मुंह से निकला एक भी शब्द रिकॉर्ड से बाहर न रहे। कोई किसी को फुस-फुसाकर या इशारों से भी कुछ नहीं कह सकता था। भारतीय समयानुसार करीब चार बजे मां और पत्नी भारी मन से पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की इमारत से निकले और इस बार एक सफेद एसयूवी में सवार हो कर भारतीय उच्चायोग के लिए रवाना हो गए। जाधव की मां एवं पत्नी दुबई होते हुए इस्लामाबाद पहुंचीं थी और वे आज ही भारत लौटेंगी।

मुलाकात के नाम पर उसने किस तरह का 'दोगलापन' : इस पूरे मामले में पाकिस्तान का असली चेहरा पूरी दुनिया के सामने आ गया है कि मुलाकात के नाम पर उसने किस तरह का 'दोगलापन' दिखाया है। इस कायर देश को एक मां और पत्नी से किस तरह का खतरा हो सकता है, यह समझ से परे है। उसे लगा था कि वह मुलाकात करने की इजाजत देकर दुनिया की हमदर्दी हासिल करेगा लेकिन हुआ बिलकुल उलटा...(वेबदुनिया/एजेंसी) 

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