लॉयन एयर विमान की 4 उड़ानों के दौरान वायु गतिसूचक में थी गड़बड़ी

सोमवार, 5 नवंबर 2018 (22:13 IST)
जकार्ता। किफायती एयरलाइन 'लॉयन एयर' के हादसाग्रस्त विमान के 'ब्लैक बॉक्स' में रिकॉर्ड आंकड़ों के अनुसार पिछली 4 उड़ानों में भी वायु गतिसूचक में गड़बड़ी थी। जांचकर्ताओं ने सोमवार को यह खुलासा किया।
 
 
राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा समिति के अध्यक्ष सोर्जेंटो त्जाहजोनो ने कहा कि 29 अक्टूबर को हादसाग्रस्त हुए विमान समेत पिछली 4 उड़ानों में इस तरह की गड़बड़ी थी। जकार्ता हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ मिनट बाद विमान जावा के समुद्र में गिर गया था। इस हादसे में विमान में सवार सभी 189 लोग मारे गए थे।
 
त्जाहजोनो ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बाली से जकार्ता जा रही पहली कई उड़ानों में भी गड़बड़ी की खबरें मिली थीं और जब हमने 'ब्लैक बॉक्स' खोला तो पाया कि देनपसार- बाली- जकार्ता उड़ान से पहले भी ऐसी ही परेशानी आई थी।
'ब्लैक बॉक्स' में रिकॉर्ड आकंड़ों के अनुसार 4 उड़ानों को वायु गतिसूचक में गड़बड़ी का सामना करना पड़ा था। त्जाहजोनो ने कहा कि इंडोनेशिया के जांचकर्ता विमान निर्माता, बोइंग और अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड 'बोइंग-737 मैक्स-8' विमानों की वायुगति संबंधी परेशानियों पर अधिक विशिष्ट निरीक्षण कर रहा है।
 
लायन एयर ने कहा कि बाली-जकार्ता उड़ान में समस्या के बाद विमान की तकनीकी खामी को दूर कर दिया गया है। जांचकर्ता नुरचायो उटामो ने कहा कि जांचकर्ताओं को मरम्मत के रिकॉर्ड की जांच करनी चाहिए। उन्हें देखना चाहिए कि किस समस्या के बारे में शिकायत की गई थी और क्या मरम्मत हुई? क्या कोई कलपुर्जा भी बदला गया? साथ ही 2 माह पुराने विमान को हवाई यात्रा के लिए उपयुक्त घोषित करने के लिए मरम्मत की किस तरह से जांच की गई?
 
इस बीच 'एएफपी' की एक खबर के अनुसार परिवहन मंत्री बुदी करया सुमादी ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि हम चालक दल के सदस्यों की योग्यता और स्टाफ के संचार कौशल की विशेष जांच करेंगे तथा यह एहतियाती कदम है। यह दुर्घटना हमारे लिए बहुत बड़ा सबक है तथा जांच में अमेरिका और यूरोप के नागर विमानन अधिकारियों की भी मदद मांगी गई है।
 
इस बीच अधिकारियों ने अपनी तलाश और तेज कर दी है। 'लायन एयर' की यह जांच इंडोनेशियाई सरकार के उस आदेश के बाद की जा रही है जिसमें देश के सभी 'बोइंग-737 मैक्स-8' विमानों का निरीक्षण करने को कहा गया था। दुर्घटना के एक हफ्ते बाद भी इसके कारणों का पता नहीं चल पाया है। 

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