समूचे मंदिर परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों, झंडों और बैनरों से सजाया गया था। मंदिर के अधिकारियों ने महाशिवरात्रि के पर्व के लिए 54 लाख रुपए का बजट आवंटित किया था। श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा की। सैकड़ों की संख्या में मुख्यत: भारत से आए नगा साधुओं ने मंदिर परिसर में विशेष पूजा-अर्चना की।
मंदिर परिसर में भक्ति कार्यक्रम हुए और विभिन्न धर्मार्थ संस्थाओं ने श्रद्धालुओं के लिए शाकाहारी भोजन की व्यवस्था की थी। बड़ी संख्या में मंदिर में भक्तगणों के आने की संभावना को देखते हुए कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा उत्सव को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए 5,000 कार्यकर्ताओं के साथ 6,000 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया था।
यातायात सुगम बनाने के लिए मंदिर परिसर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर ही वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित थी। पशुपति क्षेत्र विकास न्यास ने श्रद्धालुओं के लिए अस्थायी आश्रय, पेयजल, खाने-पीने की व्यवस्था, दवाइयों सहित कई विशेष इंतजाम किए गए थे। (वार्ता)