टाटा समूह में वैश्विक कॉर्पोरेट मामलों के अध्यक्ष एवं चीन तथा अमेरिका में भारत के राजदूत रह चुके जयशंकर ने कहा कि यह ऐसा मुद्दा है जिस पर चीनी लोगों को सोचना चाहिए कि वे क्या संदेश दे रहे हैं? उन्होंने अजहर पर प्रतिबंध लगाने के प्रस्ताव को चीन द्वारा फिर से रोकने के एक सवाल के जवाब में यहां इस सप्ताह एशिया सोसायटी के एक सत्र में यह टिप्पणी की।
जयशंकर ने कहा कि हमारे लिए पहला मुद्दा यह है कि संपर्क की कोई भी पहल संप्रभुता के लिहाज से सम्मानजनक होनी चाहिए। इसकी एक वजह यह है कि तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा जम्मू-कश्मीर से होकर गुजरता है। यही वह भूमि है जिस पर पाकिस्तान ने गैरकानूनी रूप से कब्जा कर रखा है और इसका एक हिस्सा गैरकानूनी रूप से चीन को सौंप दिया गया।
जयशंकर ने कहा कि इस पर सवाल ही नहीं उठता कि एशिया को आज अधिक संपर्क की जरूरत है और इसकी मांग के कारण यह महत्वपूर्ण है कि सही तरीके से इस मांग को पूरा किया जाए। अमेरिका, भारत और कई अन्य देशों ने बेल्ट एंड रोड पहल पर इस बात को लेकर चिंता जताई है कि चीन ने ढांचागत परियोजनाओं के लिए कई छोटे देशों को पैसा लौटाने की उनकी क्षमता पर विचार किए बिना बड़ा कर्ज दिया है। (भाषा)