बड़ी खबर, अब मेघालयन के नाम से जाना जाएगा पृथ्वी का 4200 साल का ‍इतिहास

गुरुवार, 19 जुलाई 2018 (10:28 IST)
भूवैज्ञानिकों ने धरती के इतिहास में एक नए काल युग की खोज की है। पृथ्वी के 4200 साल के इतिहास को एक अलग युग मानते हुए मेघालयन एज दिया है। भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य मेघालय में स्थित एक गुफा की छत के टपकाव से फर्श पर जमा हुए चूने के स्तंभ (स्ट्लेगमाइट) की तलछटी से इस युग को परिभाषित किया गया।


कहा जाता है कि इस दौरान विश्व भर में अचानक भयंकर सूखा पड़ा था और तापमान में गिरावट दर्ज हुई थी। इस वजह से पूरे विश्व में कई सभ्यताएं खत्म हो गईं थीं
 
पृथ्वी के दर्ज इतिहास को ईओन, एरा, अवधि, इपोह और एज में विभाजित किया गया है। एज भूगर्भीय समय की सबसे छोटी इकाई है।
 
आईयूजीएस द्वारा हाल ही अपडेट किए गए अंतरराष्ट्रीय क्रोनोस्ट्रेटिग्राफिक चार्ट को 3 अभिनव युग सबडिवीजन में बाटा गया है। इन्हें ग्रीन लैंडियन, नॉर्थ ग्रिपियन और मेघालयन नाम दिया गया है। 
 
मेघालय में 1290 मीटर की ऊंचाई पर स्थित मावम्लूह नाम की यह गुफा भारत की सबसे लंबी और गहरी गुफाओं में से एक है।
 
स्ट्लेग्माइट के विश्लेषण से पता चला कि यहां की स्थितियों में युगों के संक्रमण के रासायनिक संकेतों को संरक्षित करने के लिए उपयुक्त थी।

वैज्ञानिकों के मुताबिक अंतिम हिम युग की समाप्ति के बाद के इस काल में 200 साल तक सूखे का कहर देखा गया। इससे कृषि आधारित समाज पर इसका गंभीर प्रभाव पड़ा। इसके परिणामस्वरूप मिस्र, यूनान, सीरिया, फलस्तीन, मेसोपोटामिया, सिंघु घाटी और यांग्त्से नदी घाटी में सभ्यताएं प्रभावित हुईं। 

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