बयान में कहा गया है कि दोनों देशों द्वारा इस बारे में संयुक्त जांच और मंजूरी मिलने के बाद, पहले से मंजूरी ले चुके भारतीय यात्रियों को अमेरिका के कुछ चयनित हवाई अड्डों पर ऑटोमेटिक कियोस्क के माध्यम से प्रवेश की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस प्रक्रिया के आगामी कुछ महीनों के भीतर पूरा होने की उम्मीद है।