Tahawwur Rana: अमेरिका की संघीय अदालत ने मुंबई में 2008 में हुए आतंकवादी हमले में संलिप्तता के आरोपी एवं पाकिस्तानी मूल के कनाडाई कारोबारी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ दलीलें पेश के लिए और समय दिया है। राणा (62) ने कैलिफोर्निया के 'सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट' में 'यूएस डिस्ट्रिक्ट कोर्ट' के उस आदेश के खिलाफ 'नाइंथ सर्किट कोर्ट' में अपील की है जिसमें बंदी प्रत्यक्षीकरण रिट याचिका को खारिज कर दिया गया था।
'नाइंथ सर्किट कोर्ट' ने राणा को अपनी दलीलें पेश करने के लिए 10 अक्टूबर तक का समय दिया था, लेकिन उसने और समय दिए जाने का उसका अनुरोध मंगलवार को स्वीकार कर लिया। अदालत के हालिया आदेश के अनुसार राणा को 9 नवंबर तक दलीलें पेश करनी हैं और सरकार को 11 दिसंबर, 2023 तक अपना जवाब देना है। इससे पहले अदालत ने 18 अक्टूबर को राणा के प्रत्यर्पण पर रोक लगाने का आदेश दिया था, ताकि 'यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स' में उसकी याचिका पर सुनवाई की जा सके।
'यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द नाइन्थ सर्किट' के न्यायाधीश डेल एस. फिशर ने अगस्त में राणा से 10 अक्टूबर से पहले अपनी दलीलें पेश करने को कहा था और अमेरिका सरकार को 8 नवंबर तक दलीलें रखने को कहा था। न्यायाधीश फिशर ने लिखा था कि राणा की दलील है कि अगर उसके प्रत्यर्पण पर रोक नहीं लगाई गई तो उसे गंभीर क्षति पहुंच सकती है।
इससे पहले अमेरिकी वकील जॉन जे. लुलेजियान ने डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के समक्ष अपील की कि प्रत्यर्पण के लिए लंबित याचिका पर रोक को लेकर राणा के एकपक्षीय आवेदन को मंजूर नहीं किया जाए। उन्होंने दलील दी कि प्रत्यर्पण पर रोक से भारत के प्रति अमेरिका के दायित्व को पूरा करने में अकारण देरी होगी और इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उसकी साख को क्षति पहुंचेगी तथा अमेरिका के भगोड़ों को न्याय के कठघरे में लाने के लिए अन्य देशों का सहयोग प्राप्त करने की इसकी क्षमता प्रभावित होगी।