मुंबई हमलों के दोषियों को सजा दिलाए पाकिस्तान : अमेरिका

बुधवार, 7 सितम्बर 2016 (20:16 IST)
वॉशिंगटन। अमेरिका ने कहा है कि पाकिस्तान को अपने मुल्क में सक्रिय और पड़ोसी देशों को निशाना बनाने वाले आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए और मुंबई हमले के दोषियों को सजा दिलाने के लिए पर्याप्त कदम उठाने चाहिए।
               
अमेरिका के विदेश विभाग के प्रवक्ता मार्क टोनर ने मंगलवार को कहा, पाकिस्तान सरकार के साथ हमारी उच्च स्तर पर बातचीत चल रही है और हम इस देश को हक्कानी नेटवर्क तथा अन्य आतंकवादी गुटों के विरुद्ध पर्याप्त कार्रवाई के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं।
 
आतंकवादी गुटों के विरुद्ध कार्रवाई के मामले में हमारी बुनियादी राय यह है कि पाकिस्तान को सभी आतंकवादी गुटों के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। उसे न केवल अपने खिलाफ सक्रिय आतंकवादियों बल्कि पड़ोसी देशों को निशाना बनाने वालों के विरुद्ध भी कदम उठाने चाहिए और आतंकवादियों के सुरक्षित ठिकानों को खत्म करना चाहिए।
                       
टोनर ने कहा, हमने पहले भी पाकिस्तान को सभी आतंकवादी गुटों तथा मुंबई पर आतंकवादी हमला करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की सलाह दी थी। हम मुंबई के आतंकवादी हमले के मामले में जवाबदेही और जिम्मेदार लोगों के विरुद्ध कार्रवाई चाहते हैं। पाकिस्तान को मुंबई मामले की जांच में भारत के साथ सहयोग करना चाहिए।
 
टोनर ने कहा कि आतंकवादी गुटों के विरुद्ध पर्याप्त कार्रवाई नहीं करने के लिए पाकिस्तान के विरुद्ध प्रतिबंध लगाने का फिलहाल उसका कोई इरादा नहीं है। उन्होंने कहा, हम पाकिस्तान के विरुद्ध प्रतिबंध लगाने के प्रश्न पर कोई विचार नहीं कर रहे हैं और इधर इस देश ने आतंकवादियों के खिलाफ जो कदम उठाए हैं, वह उत्साहवर्धक हैं।
          
इस बीच अमेरिका ने आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में पाकिस्तान की भूमिका पर विचार के लिए सीनेट की रक्षा संबंधी समिति की गुरुवार को बैठक बुलाई है।
          
सूत्रों के अनुसार, सीनेट की सर्वाधिक शक्तिशाली समिति की बैठक में दक्षिण एशिया से संबंधित दो प्रमुख विशेषज्ञ अपनी गवाही दे सकते हैं और सुनवाई पर काबुल के पिछले दिनों के आतंकवादी हमले का असर पड़ सकता है। इस हमले में 40 लोगों की मौत हो गई थी। अमेरिका ने इस घटना को देखते हुए अफगानिस्तान को अपना समर्थन जारी रखने का आश्वासन दिया है।
        
इससे पहले अमेरिकी सीनेट ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 30 करोड़ डॉलर की सहायता रोक दी थी। सीनेट ने यह सहायता हक्कानी नेटवर्क के विरुद्ध पर्याप्त कार्रवाई न होने को लेकर रोकी थी। (वार्ता) 

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