जिनपिंग के समक्ष सीमापार आतंकवाद पर मोदी ने जताई चिंता

रविवार, 4 सितम्बर 2016 (19:49 IST)
होंगझोऊ। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ मुलाकात में सीमापार आतंकवाद विशेषकर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से गुजरने वाले चीन-पाकिस्तान आर्थिक गालियारे में स्थित हिस्सों से पनप रहे आतंकवाद पर चिंता जाहिर की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बैठक के बारे में पत्रकारों को यहां बताया कि मोदी ने जी-20 सम्मेलन से इतर जिनपिंग के साथ हुई वार्ता में दोनों देशों को एक-दूसरे की रणनीतिक जरूरतों के प्रति संवेदनशील होने की आवश्यकता पर बल दिया।
 
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने चीन के राष्ट्रपति से कहा कि भारत और चीन को एक-दूसरे की आकांक्षाओं का सम्मान करना काफी महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री ने जिनपिंग को बताया कि भारत-चीन संबंध न केवल क्षेत्र के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण हैं।
 
स्वरूप ने कहा कि प्रधानमंत्री ने इस दौरान बिश्केक स्थित चीन के दूतावास पर हुए आतंकवादी हमले की भी निंदा की। मोदी ने जिनपिंग को यह भी बताया कि आतंकवाद को राजनीतिक विचारों का रंग नहीं दिया जाना चाहिए।
 
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों नेताओं ने दोनों देशों के सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। हालांकि उन्होंने परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) मुद्दे का जिक्र नहीं किया। यह हालिया महीनों में दोनों नेताओं की दूसरी मुलाकात है। इससे पहले वे जून में ताशकंद में एससीओ सम्मेलन के दौरान मिले थे।
 
दोनों नेताओं की मुलाकात एनएसजी में भारत की सदस्यता का चीन द्वारा विरोध, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे को लेकर भारत की चिंता, जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में चीन का वीटो और भारत-अमेरिका के बढ़ते रक्षा सहयोग पर चीन की चिंता की पृष्ठभूमि में हुई है।
 
मोदी वियतनाम के दो दिवसीय दौरे के बाद यहां शनिवार को शाम पहुंचे। इस दौरे में भारत ने वियतनाम के साथ 12 समझौते किए। प्रधानमंत्री ने रविवार को इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मालकॉम टर्नबुल और सऊदी अरब के शहजादे मोहम्मद बिन सलमान के साथ भी मुलाकात की। सोमवार को वे ब्रिटेन की प्रधानमंत्री थेरेसा में और अर्जेंटीना के राष्ट्रपति मौरिसियो मैक्री से मिलेंगे। (वार्ता) 

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