वेगुथु (Vaguthu) नामक वेबसाइट को सरकार समर्थित माना जाता है। वेगुथु का संपादकीय 'India is not a best friend, but an enemy!' हेडलाइन से छपा है। इस संपादकीय में कहा गया है कि मालदीव को देखने का भारत का परंपरागत नजरिया अब बदल गया है। भारत अब मालदीप के प्रति द्वेष की भावना रखता है।
यह भी ध्यान रखने वाली बात है कि चीन भारत को घेरने के लिए मालदीव और श्रीलंका को अपनी तरफ करना चाहता है। वहां के राष्ट्रपति यमीन का झुकाव भी चीन की तरफ ही दिखता है। चीन जिस तरह से मालदीव को आर्थिक स्तर पर मदद दे रहा है इससे लगता है कि आने वाले दिनों में उसके बड़े हिस्से को अपने तरीके से इस्तेमाल करेगा।
भारतीय सेना ने विफल किया था तख्तापलट : उल्लेखनीय है कि अब्दुल्ला लूथफी के नेतृत्व में मालदीव के एक समूह द्वारा 1988 में तख्तापलट का प्रयास किया गया था। श्रीलंका से पीपुल्स लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ तमिल ईलम (PLOTE) ने इस तख्तापलट में सहयोग किया था, लेकिन मालदीव सैनिकों की बहादुरी और भारतीय सेना के हस्तक्षेप के कारण तख्तापलट विफल रहा था। इस ऑपरेशन को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन कैक्टस नाम दिया गया था। उस समय राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री थे।