लंदन/वॉशिंगटन। कोरोना लॉकडाउन (Corona Lockdown) के बाद भीषण ठंड के साथ ही अन्य प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ सकता है। वैज्ञानिकों की मानें तो सूरज भी लॉकडाउन में चला गया है। इस प्रक्रिया को सोलर मिनिमम कहा जाता है।
वैज्ञानिकों ने आशंका जताई है कि सूरज की किरणों में भयानक मंदी देखने को मिलेगी। ये रिकॉर्ड स्तर की होगी, जिसमें सनस्पॉट पूरी तरह लुप्त हो जाएगा।
दूसरी ओर, अमेरिका में एक सरकारी व्हिसलब्लोअर ने कहा है कि यदि कोरोना वायरस को फिर से जोर पकड़ने के लिए निर्णायक कदम नहीं उठाए गए तो देश को आधुनिक इतिहास की सबसे भयानक सर्दी का सामना करना पड़ सकता है।
द सन की एक रिपोर्ट के मुताबिक एस्ट्रोनॉमर डॉ. टोनी फिलिप्स के मुताबिक हम सोलर मिनिमम की ओर जा रहे हैं और इस बार ये काफी गहरा रहने वाला है, जो कि पिछली सदियों की तुलना में काफी गहरा हो सकता है। कहा जा रहा है कि इस दौरान सूरज का मैग्नेटिक फील्ड काफी कमजोर हो जाएगा।
भूकंप और सूखा : टोनी के मुताबिक इस दौरान प्राकृतिक आपदाओं का भी सामना करना पड़ सकता है। कॉस्मिक रेज पृथ्वी के ऊपरी वातावरण के इलेक्ट्रो केमिस्ट्री को प्रभावित करेंगे। इसकी वजह से बिजलियां कड़केंगी।
वैज्ञानिकों ने चिंता व्यक्त की है कि यह 1790 से 1830 के बीच आए डाल्टन मिनिमम जैसा हो सकता है। इस दौरान सूखा और भयावह ज्वालामुखी फूटे थे।
इसके पीछे तर्क दिया जा रहा है कि 10 अप्रैल 1815 को 2000 वर्षों में सबसे ज्यादा ज्वालामुखी फूटे। इस दौरान इंडोनेशिया में करीब 71 हजार लोग मारे गए थे। इस अध्ययन में कहा गया है कि 1816 में गर्मी पड़ी ही नहीं।