नवाज शरीफ की छोटी सी गलती बन सकती है बड़ी मुसीबत!

रविवार, 25 अक्टूबर 2015 (09:12 IST)
वॉशिंगटन। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ एक छोटी-सी गलती के कारण मुश्किलों में फंस सकते हैं। यह गलती उन्होंने संयुक्त राष्ट्रसभा में की और उर्दू के बजाय अंग्रेजी में अपना संबोधन देकर की है। संयुक्त राष्ट्रमहासभा में उर्दू में दिए गए भाषण के कारण अब पाकिस्तान में शरीफ खिलाफ अदालती अवमानना का मामला चलाने की मांग करते हुए एक याचिका दायर की गई है। इस याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। 
इसी साल सितंबर महीने में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को आदेश दिया था कि वह उर्दू को आधिकारिक भाषा बनाने के लिए संविधान के अनुच्छेद 251 के क्रियान्वयन को लेकर कदम उठाए। पाकिस्तान की सबसे बड़ी अदालत ने यह भी कहा था कि नेताओं और अधिकारियों को भाषणों और औपचारिक संवाद में अंग्रेजी की बजाय उर्दू भाषा का इस्तेमाल करना चाहिए। 
 
समाचार पत्र ‘द डॉन’ के अनुसार पाकिस्तान में एक याचिका दायर की जिसमें याचिकाकर्ता जाहिद गनी ने बीते 8 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिए आदेश का हवाला दिया, जिसमें संघीय एवं प्रांतीय सरकारों से कहा गया था कि वे बिना विलंब किए उर्दू को अधिकारिक भाषा के तौर पर इस्तेमाल करें। अन्य देशों के नेताओं ने अपनी राष्ट्रभाषाओं में संबोधित किया।
 
गनी ने कहा कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे, भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, क्यूबा के राष्ट्रपति राउल कास्त्रो, ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी तथा यूक्रेनी राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको सहित कई विश्व नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को अपनी राष्ट्रीय भाषाओं में संबोधित किया। 
 
याचिका में कहा गया है कि प्रधानमंत्री शरीफ ने अपराध किया है तथा ऐसे में उनके खिलाफ संविधान के अनुच्छेद 204 के तहत मुकदमा चलाया जाना चाहिए। इससे पहले एक अन्य व्यक्ति ने याचिका दायर कर शरीफ के खिलाफ अदालती अवमानना का मामला चलाने का आग्रह किया था।

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