उसने बताया, मुझे याद है कि पिछली बार मैं वहां गया था। आप उस पर से सारा शहर देख सकते थे। काठमांडू घाटी के विश्व धरोहर स्थल का हिस्सा रही इस पुरातात्विक इमारत का निर्माण 1832 में नेपाल के तत्कालीन प्रधानमंत्री भीमसेना थापा ने कराया था और 1934 के विनाशकारी भूकंप में इसे भारी नुकसान भी पहुंचा था, जब शीर्ष से इसका एक हिस्सा गिर गया था।
फिलहाल नई दिल्ली में पढ़ाई कर रहे 20 वर्षीय छात्र दीपा बायजंकर ने कहा, दिल्ली में मैंने खूबसूरत कुतुब मीनार को और बड़ी संख्या में वहां लोगों को जाते देखा है। हम महसूस कर सकते हैं कि इस मीनार के ढहने पर भारतीय कैसा महसूस करेंगे। धरहरा (आधिकारिक रूप से भीमसेन टॉवर) का वास्तुशिल्प मुगल और यूरोपीय शैली का था।