लंदन। नीरव मोदी के प्रत्यर्पण मामले में नया मोड़ आया है। उसके वकीलों ने बुधवार को लंदन में उच्च न्यायालय से कहा कि मुंबई की आर्थर रोड जेल में कोविड 19 के व्यापक असर के कारण उसके आत्महत्या करने की आशंका बढ़ जाएगी। नीरव को भारत प्रत्यर्पित किए जाने के बाद इसी जेल में रखे जाने की संभावना है।
इस दलील पर न्यायमूर्ति मार्टिन चेंबरलेन ने प्रत्यर्पण के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करते हुए अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। अब आगे की सुनवाई में फैसला होगा कि पूर्व में जिला न्यायाधीश सैम गूज द्वारा प्रत्यर्पण के आदेश और अप्रैल में ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल द्वारा इसे मंजूरी दिए जाने के खिलाफ लंदन में उच्च न्यायालय में इस पर पूर्ण सुनवाई करने की आवश्यकता है या नहीं? पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से 2 अरब डॉलर की धोखाधड़ी के मामले में नीरव (50) वांछित है। दक्षिण-पश्चिम लंदन में वेंटवर्थ जेल में कैद नीरव डिजिटल तरीके से सुनवाई में शामिल हुआ।
नीरव के वकीलों ने इस मामले में विधि विज्ञान मनोचिकित्सक डॉ. एंड्रयू फॉरेस्टर की रिपोर्ट का जिक्र किया जिसे पूर्व में लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया था। 27 अगस्त 2020 की रिपोर्ट में फॉरेस्टर ने कहा था कि फिलहाल तो नहीं लेकिन नीरव में आगे आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ने का खतरा है। नीरव के वकीलों ने कहा कि कोविड-19 महामारी के कारण स्वास्थ्य व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई थी।