क्या पाकिस्तानी सेना करेगी पलटवार की हिमाकत, ऑपरेशन सिंदूर के बाद अजीत डोभाल भी दे चुके हैं चेतावनी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

गुरुवार, 8 मई 2025 (08:42 IST)
Operation Sindoor : भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में लश्कर ए तैयबा, जैश के मोहम्मद और हिजबुल मुजाहदिन जैसे कुख्यात आतंकवादी संगठनों के 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले कर उन्हें तबाह कर दिया। पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने कहा कि देश के सशस्त्र बलों को भारतीय सैन्य हमलों में निर्दोष पाकिस्तानी लोगों की मौत का बदला लेने के लिए अपनी पसंद के समय, स्थान और तरीके से जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है। हालांकि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल बुधवार को ही विभिन्न देशों के अपने समकक्षों से कह चुके हैं कि भारत का तनाव बढ़ाने का कोई इरादा नहीं है, लेकिन अगर पाकिस्तान ऐसा करता है तो वह ढृढ़ता से जवाबी कार्रवाई करने के लिए तैयार है। ALSO READ: ऑपरेशन सिंदूर के बाद NSA अजीत डोभाल की पाकिस्तान को चेतावनी
 
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि पंजाब प्रांत और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) के शहरों पर आधी रात के बाद किए गए मिसाइल 
 
हमलों और नियंत्रण रेखा पर गोलीबारी में 31 लोग मारे गए और 57 अन्य घायल हो गए। बहावलपुर में संगठन के मुख्यालय पर हुए हमले में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मौलाना मसूद अजहर के 10 परिवार के सदस्य और चार करीबी सहयोगी मारे गए।
 
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NSC) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें कैबिनेट मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, सभी सेनाओं के प्रमुखें और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। ALSO READ: ऑपरेशन सिंदूर के बाद बलूचिस्तान में भी पाकिस्तान सेना पर बड़ा झटका, 12 सैनिकों की मौत
 
एनएससी के एक बयान में चेतावनी दी गई कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद-51 के अनुरूप, पाकिस्तान को भारतीय हमलों में निर्दोष पाकिस्तानी लोगों की मौत का बदला लेने के लिए, आत्मरक्षा में अपनी पसंद के समय, स्थान और तरीके से जवाब देने का अधिकार है।
 
एनएससी के बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान के सशस्त्र बलों को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है। बयान में कहा गया है कि एनएससी की बैठक में इस हमले को भारत की बिना उकसावे वाली और गैरकानूनी कार्रवाई बताया गया और कहा गया कि एनएससी स्पष्ट रूप से इसकी निंदा करती है। बयान में इसे पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का घोर उल्लंघन करार दिया गया।
 
इसमें कहा गया है कि एनएससी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत की बिना उकसावे वाली कार्रवाई की गंभीरता पर ध्यान देने तथा अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों के उसके घोर उल्लंघन 
 
के लिए उसे (भारत को) जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया। बयान कहा गया है कि काल्पनिक आतंकवादी शिविरों की मौजूदगी की आड़ में भारतीय हमले में जानबूझकर नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, जिसके परिणामस्वरूप निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई और मस्जिदों सहित बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा।
 
एनएससी के बयान में दावा किया गया कि भारत के हमलों से खाड़ी देशों की एयरलाइन को भी गंभीर खतरा पैदा हुआ, जिससे विमान में सवार हजारों यात्रियों की जान जोखिम में पड़ गई। साथ ही दावा किया गया कि इसके अलावा, नीलम-झेलम पनबिजली परियोजना को भी अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन करते हुए जानबूझकर निशाना बनाया गया।
 
बाद में संसद के एक सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री शहबाज ने दावा किया कि पाकिस्तानी सेना ने पांच भारतीय विमानों को नष्ट कर दिया। हालांकि, उन्होंने अपने दावे के समर्थन में 
 
कोई सबूत नहीं दिया। प्रधानमंत्री ने त्वरित प्रतिक्रिया के लिए पाकिस्तानी वायुसेना और उसके प्रमुख की सराहना करते हुए कहा कि सशस्त्र बलों को भारत की योजनाओं के बारे में पहले से खुफिया जानकारी थी।
edited by : Nrapendra Gupta 

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