भारत से बदला लो, अब पाकिस्तान में ‍सेना को खुली छूट

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

बुधवार, 7 मई 2025 (18:01 IST)
Free hand to Pakistani army: पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने बुधवार को कहा कि देश के सशस्त्र बलों को भारतीय सैन्य हमलों में निर्दोष पाकिस्तानी लोगों की मौत का बदला लेने के लिए ‘अपनी पसंद के समय, स्थान और तरीके से’ जवाबी कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है। भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाक के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए।
 
भारत को जवाब दो : प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (NAC) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें कैबिनेट मंत्रियों, मुख्यमंत्रियों, सभी सेनाओं के प्रमुखों और वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। एनएससी के एक बयान में चेतावनी दी गई कि संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुच्छेद-51 के अनुरूप, पाकिस्तान को भारतीय हमलों में निर्दोष पाकिस्तानी लोगों की मौत का बदला लेने के लिए, आत्मरक्षा में ‘अपनी पसंद के समय, स्थान और तरीके से’ जवाब देने का अधिकार है। ALSO READ: Operation Sindoor में हनुमानजी के आदर्शों का पालन, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह बोले- अशोक वाटिका की तरह उजाड़े आतंकियों के ठिकाने
 
एनएससी के बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान के सशस्त्र बलों को इस संबंध में उचित कार्रवाई करने के लिए अधिकृत किया गया है। शरीफ ने घटनाक्रम पर आगे चर्चा करने के लिए कैबिनेट की बैठक बुलाई है। अधिकारियों ने कहा कि बाद में, शरीफ संसद को संबोधित करेंगे और मौजूदा घटनाक्रम के संबंध में लिए गए निर्णय से अवगत कराएंगे। ALSO READ: Operation sindoor पर आया इजराइल का बयान, भारत को लेकर कही बड़ी बात
 
भारतीय हमले की निंदा : बयान में कहा गया है कि एनएससी की बैठक में इस हमले को भारत की ‘बिना उकसावे वाली’ और ‘गैरकानूनी’ कार्रवाई बताया गया और कहा गया कि एनएससी ‘स्पष्ट रूप से इसकी निंदा करती है।’ बयान में इसे पाकिस्तान की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का घोर उल्लंघन करार दिया गया, जो स्पष्ट रूप से अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत युद्ध की कार्रवाई है। ALSO READ: ऑपरेशन सिंदूर के बाद NSA अजीत डोभाल की पाकिस्तान को चेतावनी
 
अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन : बयान में कहा गया है कि भारतीय सेना द्वारा निर्दोष महिलाओं और बच्चों सहित नागरिकों को जानबूझकर निशाना बनाना एक जघन्य अपराध है, जो मानव व्यवहार के सभी मानदंडों और अंतरराष्ट्रीय कानून के प्रावधानों का उल्लंघन है। इसमें कहा गया है कि एनएससी ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से भारत की ‘बिना उकसावे वाली कार्रवाई की गंभीरता पर ध्यान देने तथा अंतरराष्ट्रीय नियमों और कानूनों के उसके घोर उल्लंघन के लिए उसे (भारत को) जवाबदेह ठहराने का आह्वान किया।’
 
बयान कहा गया है कि काल्पनिक आतंकवादी शिविरों की मौजूदगी की आड़ में भारतीय हमले में जानबूझकर नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, जिसके परिणामस्वरूप निर्दोष पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की मौत हो गई और मस्जिदों सहित बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा।
 
भारतीय आरोपों को खारिज किया : एनएससी के बयान में दावा किया गया कि भारत के हमलों से खाड़ी देशों की एयरलाइन को भी गंभीर खतरा पैदा हुआ, जिससे विमान में सवार हजारों यात्रियों की जान जोखिम में पड़ गई। साथ ही दावा किया गया कि इसके अलावा, नीलम-झेलम पनबिजली परियोजना को भी अंतरराष्ट्रीय समझौतों का उल्लंघन करते हुए जानबूझकर निशाना बनाया गया।
 
एनएससी के बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान ने अपने क्षेत्र में आतंकवादी ठिकानों के भारतीय आरोपों को पुरजोर तरीके से खारिज किया है। इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने 22 अप्रैल के हमले के संबंध में विश्वसनीय, पारदर्शी और निष्पक्ष जांच के लिए प्रस्ताव दिया था, जिसे ‘दुर्भाग्य से स्वीकार नहीं किया गया।’ इससे पहले दिन में, पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने मीडिया से कहा कि भारत द्वारा किए गए मिसाइल हमलों में कम से कम 26 लोग मारे गए हैं और 46 घायल हुए हैं। (एजेंसी/वेबदुनिया)
Edited by: Vrijendra Singh Jhala 

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