धर्म के नाम पर नहीं बंटेगा तो आगे बढ़ेगा भारत-ओबामा

मंगलवार, 27 जनवरी 2015 (15:12 IST)
नई दिल्ली। धार्मिक सहिष्णुता की पुरजोर वकालत करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को कहा कि हर व्यक्ति को बिना किसी उत्पीड़न के अपनी आस्था का पालन करने का अधिकार है और भारत तब तक सफल रहेगा जब तक वह धार्मिक आधार पर नहीं बंटेगा।
 
सिरीफोर्ट आडिटोरियम में ‘टाउनहॉल’ संबोधन में ओबामा ने भारत और अमेरिका को सिर्फ स्वाभाविक साझेदार ही नहीं बल्कि सर्वश्रेष्ठ साझेदार बताते हुए कहा कि बर्मा से श्रीलंका तक भारत की बड़ी भूमिका है।
 
उन्होंने चीन का नाम लिए बिना एशिया प्रशांत में भारत की वृहद भूमिका का स्वागत किया और कहा कि नौवहन की स्वतंत्रता बनाई रखी जानी चाहिए तथा विवादों का समाधान शांतिपूर्ण ढंग से किया जाना चाहिए।
 
ओबामा ने अमेरिका में स्वामी विवेकानंद के ‘ब्रदर्स एंड सिस्टर्स ऑफ अमेरिका’ से शुरू किए गए ऐतिहासिक संबोधन का उल्लेख करते हुए कहा कि आज वह भी स्वामी विवेकानंद के अंदाज में ‘ब्रदर्स एंड सिस्टर्स ऑफ इंडिया’ कहते हुए भारत के लोगों से मुखातिब हो रहे हैं।
 
ओबामा ने कहा कि हर व्यक्ति को उत्पीड़न, डर या भेदभाव के बिना अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है।
 
उन्होंने कहा कि सांप्रदायिकता या अन्य किसी बात के आधार पर बांटने के प्रयासों के खिलाफ हमें सतर्क होना होगा। भारत तब तक सफल रहेगा जब तक वह धार्मिक आधार पर नहीं बंटेगा।
 
भारत में इन दिनों कथित जबरन धर्मांतरण, घर वापसी और धर्मांतरण पर रोक लगाने की चर्चा के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान महत्वपूर्ण है।
 
ओबामा ने कहा, आपका संविधान (अनुच्छेद 25) कहता है कि सभी लोगों को अपनी पसंद के धर्म का पालन करने और उसका प्रचार करने का अधिकार है। हमारे दोनों देशों में, सभी देशों में धर्म की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना न केवल सरकार की बल्कि सभी लोगों की सर्वोपरि जिम्मेदारी है।
 
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि देश तभी सफल होते हैं जब सभी को बराबर के अवसर मिलें। हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, यहूदी, बौद्ध सभी बराबर हैं। गांधीजी ने कहा था कि विभिन्न धर्म एक बाग के विभिन्न फूल हैं। (भाषा)
 

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