जयशंकर ने कहा कि भारत के सामने अपनी सीमाओं पर चुनौतियां हैं, जो कोविड काल के दौरान तीव्र हो गईं।उन्होंने कहा, आज चीन के साथ हमारे संबंधों की स्थिति बहुत सामान्य नहीं है, क्योंकि हम वास्तविक नियंत्रण रेखा को एकतरफा बदलने के किसी भी प्रयास के लिए कभी सहमत नहीं होंगे। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के मूल मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
भारतीय सेना के अनुसार, नौ दिसंबर को अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में एलएसी पर भारतीय और चीनी सैनिक आपस में भिड़ गए थे, जिसमें दोनों पक्षों के कुछ कर्मियों को मामूली चोटें आईं। जून 2020 में गलवान घाटी में भीषण झड़प के बाद से भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच यह पहली बड़ी झड़प थी। दोनों पक्षों के बीच सीमा गतिरोध को सुलझाने के लिए 17 दौर की बातचीत हो चुकी है।
जयशंकर ने अपने भाषण में कहा कि कोई भी देश आतंकवाद से भारत जितना पीड़ित नहीं है। उन्होंने किसी देश का नाम लिए बगैर कहा, हम सभी के साथ अच्छे पड़ोसी संबंध चाहते हैं। लेकिन अच्छे पड़ोसी संबंधों का मतलब यह नहीं है कि आतंकवाद के मुद्दे को दरकिनार कर दिया जाए। हम बहुत स्पष्ट हैं।