कोरोना वायरस ने जहां दुनिया में कई लोगों की जान ले ली, वहीं इस वायरस की वजह से शब्दकोश में कई नए शब्दों की एंट्री हुई। दुनिया ने ऐसे शब्दों को सुना और उनका इस्तेमाल किया जो पहले कभी नहीं सुने गए थे।
ऑक्सफोर्ड द्वारा हर साल वर्ड ऑफ द ईयर चुना जाता है, लेकिन कमाल की बात है कि इस बार यह मुकाबला कोविड से जुड़े शब्दों के बीच ही रहा।
इस बार वैक्सीन के छोटे रूप वैक्स (VAX) को वर्ड ऑफ द ईयर चुना गया है। इस शब्द ने जैब, शॉट और फौसी औसी जैसे शब्दों को पीछे छोडकर अपनी जगह वर्ड ऑफ द ईयर में बनाई है। (अमेरिका की कोविड एजेंसी के प्रमुख का नाम फौसी है)
ऑक्सफोर्ड लैंग्वेज की सीनियर एडिटर फियोना मैफर्सन के मुताबिक वैक्सीन के लिए इस्तेमाल होने वाले सभी शब्दों का इस्तेमाल पिछले दिनों के मुकाबले बढ़ा है, लेकिन वैक्स शब्द का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया गया। उन्होंने बताया कि यह छोटा और ध्यान खींचने वाला शब्द है।
इसे लेकर प्रकाशित हुई रिपोर्ट में सामने आया कि पिछले साल कोरोना वैक्सीन अभियान के अलग-अलग देशों में शुरू होते ही वैक्सीन शब्द का उपयोग सबसे ज्यादा बार किया गया। यहां तक कि यह दोगुना से ज्यादा बढ़ गया। लेकिन वहीं वैक्स का प्रयोग पिछले साल की तुलना में इस सितंबर में 72 गुना बढ़ा।
कैसे चुनते हैं वर्ड ऑफ द ईयर?
वर्ड ऑफ द ईयर ऑक्सफोर्ड के लगातार अपडेट होते रहने वाले 145 करोड़ शब्दों के कोष में इस्तेमाल के प्रमाण के आधार पर चुना जाता है। अंग्रेजी भाषी देशों में न्यूज सोर्स में इस्तेमाल किए गए प्रमाणों को एकत्र किया जाता है। ऑक्सफोर्ड के मुताबिक वैक्स को लेकर वैक्सी, वैक्सिनिस्टा, वैक्सिकेशन जैसे शब्द भी बने जो अब चलन बाहर हो रहे हैं और डिक्शनरी में जगह नहीं बना सके।
कहां से आया VAX?
वैक्सीन हालांकि अंग्रेजी का प्रचलित शब्द है, कई बार इसका अलग अलग बीमारियों में टीके के लिए इस्तेमाल किया गया। लेकिन साल 1980 में पहली बार इसके लिए वैक्स का इस्तेमाल हुआ। ब्रिटिश वैज्ञानिक एडवर्ड जैनर ने चेचक के विरुद्ध टीको का इस्तेमाल किया तो 1799 में पहली बार इंग्लिश भाषा में वैक्सीन शब्द दर्ज हुआ।