पाकिस्तान ने संबंधों में गतिरोध का ठीकरा हिंदुस्तान के सिर फोड़ा

सोमवार, 14 अगस्त 2017 (18:53 IST)
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने आज द्विपक्षीय संबंधों में गतिरोध के लिए हिंदुस्तान को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि नई दिल्ली के ‘विस्तारवादी इरादे’ दोनों पड़ोसी देशों के रचनात्मक संबंधों के बीच मुख्य बाधा हैं।
 
आजादी की 70वीं सालगिरह पर देश के बाशिंदों से मुखातिब होते हुए उन्होंने फरमाया कि पाकिस्तान स्वायत्तता की समानता के आधार पर सभी पड़ोसी देशों के साथ ‘सकारात्मक और रचनात्मक संबंधों का इच्छुक है।’ 
 
इस मौके पर ‘मेहमान ए खुसूसी’ चीन के उप प्रधानमंत्री वांग यांग की मौजूदगी में उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार ने कई बार मुद्दों को सुलझाने के लिए सार्थक वार्ता की प्रक्रिया की पहल करने और शांतिपूर्ण उपाय अपनाने के प्रयास किए हैं लेकिन बदकिस्मती है कि हिंदुस्तान के विस्तारवादी इरादे इस संबंध में मुख्य बाधा रहे हैं।’ यांग इस समारोह में शामिल होने के लिए कल पाकिस्तान आए थे।
उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान मुश्किल समय में एक दूसरे के साथ खड़े रहे हैं और उनकी दोस्ती वक्त की कसौटी पर खरी उतरेगी तथा आने वाली पीढ़ियों के साथ और परवान चढ़ेगी।
 
अब्बासी ने क्षेत्रीय विवादों को सुलझाने के लिए अंतरराष्ट्रीय बिरादरी से अपनी भूमिका निभाने का आह्वान किया, खासतौर से कश्मीर के संबंध में उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को क्षेत्र में स्थाई शांति सुनिश्चित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत पाकिस्तान और भारत के बीच ‘कश्मीर विवाद’ को सुलझाने में अपनी भूमिका अदा करनी चाहिए।
 
सुप्रीम कोर्ट द्वारा पनामा पेपर मामले में नवाज शरीफ को प्रधानमंत्री पद के अयोग्य करार दिए जाने के बाद 58 वर्षीय अब्बासी ने एक अगस्त को देश के 18वें प्रधानमंत्री के रूप में पदभार संभाला था।
 
उन्होंने कहा, ‘विवादों के कारण दक्षिण एशिया के लोगों ने पिछले 50 सालों में काफी कुछ भुगता है। जब तक इन विवादों को आपस में मिल बैठकर नहीं सुलझाया जाता तब तक क्षेत्र के लोग तरक्की और समृद्धि को हासिल नहीं कर सकते।’ 
 
राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने इस मौके पर अपने संबोधन में विकसित पाकिस्तान के लिए जनता से एकजुट होने का आव्हान किया।
 
उन्होंने कहा कि यह निजी शिकायतों को भूलकर संविधान के साथ खड़े होने का समय है। निश्चित रूप से उनका यह बयान शरीफ को प्रधानमंत्री पद से हटाए जाने और इसे पूर्वनियोजित बताने संबंधी उनके आरोप को लेकर था।
 
स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत इस्लामाबाद में 31 तोपों की सलामी से हुई और इस मौके पर प्रांतों की राजधानियों में 21 तोपों की सलामी दी गई। इस अवसर पर शहर की प्रमुख सरकारी और निजी इमारतों, सड़कों, परिसरों को राष्ट्रीय झंडे तथा राष्ट्रीय नेताओं के फोटो, बैनरों से सजाया गया था।
 
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इस मौके पर बीती आधी रात के तुरंत बाद भारत के साथ लगती अटारी-वाघा सीमा पर एक विशाल राष्ट्रीय ध्वज फहराया। यह झंडा 400 फुट ऊंचा है जो दक्षिण एशिया में सबसे ऊंचा ध्वज है। (भाषा) 

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